Rashtriya Pioneer Pride: मुंह धोने झुकी तो चोटी फर्शपर आ गिरी मुंह धोने झुकी तो चोटी फर्शपर आ गिरी ================================================================================ prashant on 14/08/2017 10:01:00 महिला बेहोश चोटी काटने की दहशत का असर इंदौर में भी इंदौर। अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं की चोटी काटने की घटनाओं की रिपोर्ट टीवी पर देखने या पढ़ने वाले इंदौर की कई बस्तियों के लोगों को भी अब डर महसूस होने लगा है। पिछले दो दिनों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चोटी कटने की 6 घटनाएं सामने आर्ई हैं। ंहवा बंगला क्षेत्र स्थित ऋषि पैलेस में एक परिवार की महिला की चोटी काटी जाने की खबर तेजी से फैली। स्थानीय लोगों के अनुसार पैंतीस वर्षीय कांति शर्मा नामक महिला की चोटी काटने की घटना हुई। द्वारिकापुरी इलाके में रहने वाले शर्मा परिवार की कांति सुबह मुंह धो रही थी। जब वह नीचे झुकी तो उसकी चोटी जमीन पर गिर गई। यह देख वह डर कर चीख पड़ी। पुलिस के अनुसार उसके देवर अंकित ने बताया कि भाभी की चीख सुनकर परिवार के अन्य बाहर आए तो उनकी आधी चोटी जमीन पर पड़ी थी और वे बदहवास थीं। अंकित ने बताया कि सुबह घर पर कोई आया नहीं था। आसपास के लोगों से भी पूछा लेकिन किसी ने भी बाहरी व्यक्ति को आते-जाते नहीं देखा। चोटी कटने के बाद भाभी के सिर और गर्दन में बहुत तेज दर्द हो रहा था। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जैसे ही कॉलोनी के लोगों को इस घटना की सूचना मिली वैसे ही उनके घर लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और महिला के बयान दर्ज किए।देपालपुर के तलावली गांव में एक बुजुर्ग महिला की चोटी कटने की घटना हुई। गांव के चौकीदार रमेश की मां सरजूबाई रात में खाना खाकर आटले पर बैठी थी, तभी उनकी चोटी नीचे गिर गई। चोटी कटी देख वे जोर से चीखीं और बेहोश हो गईं। कुछ देर बार होश आने पर उन्होंने कहा कि उनके सिर में तेज दर्द हो रहा है। देपालपुर क्षेत्र में ही बनेड़िया निवासी मदनलाल की आठ वर्षीय बालिका पूनम की चोटी किसी ने काट दी। महू क्षेत्र के हरसोला में कमल पंवार ने शिकायत की है कि उसकी पुत्री जया पंवार की दोनों चोटियां बीती रात किसी ने काट दीं। जया आठवीं कक्षा की छात्रा है। सुबह परिजन सोकर उठे तो उसकी उसकी दोनों चोटियां कटी पड़ी थीं। शहर की कई बस्तियों में चोटी काटने की घटना की दहशत नजर आने लगी है। कई घरों के बाहर नीम के पत्त टंगे हुए हैं तो कहीं-कहीं दरवाजे के बाहर दोनों ओर हाथ के छापे लगे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं।