Rashtriya Pioneer Pride: फायर ब्रिगेड की हालत खराब फायर ब्रिगेड की हालत खराब ================================================================================ Dilip Thakur on 20/12/2017 11:26:00 प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर का फायर ब्रिगेड लचर अवस्था में है। भोपाल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद शासन ने सभी जिलों में फायर ब्रिगेड को सतर्क रहने और मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को इंदौर में भी मॉक ड्रिल की गई। जिसमें कई खामियां नजर आईं। इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर का फायर ब्रिगेड लचर अवस्था में है। भोपाल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद शासन ने सभी जिलों में फायर ब्रिगेड को सतर्क रहने और मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को इंदौर में भी मॉक ड्रिल की गई। जिसमें कई खामियां नजर आईं। महानगर की फायर ब्रिगेड के पास ने तो पर्याप्त साधन हैं और न ही ऐसा कोई अधिकारी है जो तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हो। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड में फायर इंजीनियर की नियुक्ति होना जरूरी है लेकिन यहां ऐसा कोई भी अधिकारी नहीं है। विभिन्न प्रकार के पदार्थों में लगी आग पर केवल पानी फेंंकने से आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। मंगलवार को पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज परिसर में आयोजित मॉक ड्रिल में फायर ब्रिगेड के कर्मियों ने आग लगा कर उसे बुझाने का प्रदर्शन किया। अग्निकांड की स्थितियों से निपटने का कई बार बेहतर प्रदर्शन किया और कई बार खामियां भी सामने आ गर्इं। गैस सिलेंडर में लगी आग को फायरकर्मी तुरंत नहीं बुझा पाए। मॉक ड्रिल में यह बात भी साबित हो गई कि फायर ब्रिगेड के पास पर्याप्त उपकरण नहीं हैं। शहर में ऊंचे भवनों की संख्या हजारों में है लेकिन इन भवनों में आग बुझाने के पर्याप्त साधन लगे हैं अथवा नहीं इसकी चेकिंग फायर ब्रिगेड द्वारा नियमित रूप से नहीं की जाती। समय-समय पर केवल कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाती है। अधिकांश ऊंचे भवनों में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इसके बावजूद वहां रहने और व्यवसाय करने की अनुमति दे दी गई है। फायर ब्रिगेड के पास भी ऊंचे भवनों में आग बुझाने के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं हैं। पिछले कई वर्षों से यह परम्परा चली आ रही है कि पुलिस विभाग के किसी बड़े अधिकारी को फायर ब्रिगेड का मुखिया बना दिया जाता है। जब मुखिया को ही आग बुझाने की तकनीक पता नही होगी तब टीम कैसे काम करेगी। इसके खराब नतीजे भी सामने आते रहते हैं। पीथमपुर में एक फैक्टरी में लगी आग को काबू करने के लिए पानी का उपयोग किया गया था लेकिन आग काबू में नहीं आई। बाद में फैक्टरी मालिक ने कहा कि फोम केमिकल का उपयोग करिए तो फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने कहा कि फोम उपलब्ध नहीं है। अंतत: चौबीस घंटे तक आग बुझाने के प्रयासों के बावजूद फैक्टरी पूरी तरह नष्ट हो गई थी। नागरिकों का कहना है कि जब कोई बड़ी घटना होगी उसके बाद ही फायर ब्रिगेड को सभी साधन मिलेंगे और यहां फायर इंजीनियर की नियुक्ति होगी।