Rashtriya Pioneer Pride: नदियों की सफाई में रुचि नहीं नदियों की सफाई में रुचि नहीं ================================================================================ Dilip Thakur on 03/02/2018 11:01:00 नगर निगम और जिला प्रशासन एनजीटी के आदेश के इंतजार में रहते हैं। इंदौर। कान्ह और सरस्वती नदी की सफाई के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के समक्ष सुनवाई चल रही है। अब हालात यह हो गए हैं कि नगर निगम और जिला प्रशासन एनजीटी के आदेश के इंतजार में रहते हैं। आदेश होने पर लंबे समय तक यही दिखाया जाता है कि कार्य हो रहा है। इधर शहर के नागरिक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही उन्हें दोनों नदियों में साफ पानी बहता देखने को मिलेगा। नदियों की सफाई को लेकर एक अकेला व्यक्ति पूरी लड़ाई लड़ रहा है और उनके संघर्ष के कारण ही नगर निगम व जिला प्रशासन को दोनों नदियों की सफाई के लिए मजबूर होना पड़ा है। सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने एनजीटी के समक्ष याचिका दायर कर रखी है और हर सुनवाई पर वे एनजीटी को नदी सफाई की वास्तविक स्थिति से अवगत करा रहे हैं। इस कारण अधिकारियों पर दबाव बना रहता है और वे नदी सफाई कार्य पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि कार्य की गति इतनी धीमी रखी गई है कि आने वाले कई महीनों में नदी का एक हिस्सा भी पूरी तरह साफ होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। एनजीटी ने पिछली सुनवाई में कहा था कि नदी के किनारे स्थित मैरिज गार्डनों को बंद किया जाए। अधिकारियों ने चोइथराम अस्पताल क्षेत्र के चार मैरिज गार्डनों को नोटिस जारी कर बंद करा दिया लेकिन 11 अन्य गार्डनों के बारे में वे एनजीटी के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। जबकि यह कार्य तो स्थानीय अधिकारी स्वयं अपने स्तर पर कर सकते हैं। चिड़ियाघर पुल के आसपास की गई नदी की सफाई को ही अधिकारी लंबे समय से प्रचारित कर रहे हैं लेकिन शहर के बीचोंबीच कृष्णपुरा पुल, लोखंडे पुल आदि के नीचे नदी में बह रहा गंदा, काला और दुर्गंधयुक्त पानी उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है। एनजीटी के एक सदस्य को भोपाल से दिल्ली बुलाए जाने से नदी सफाई मामले की सुनवाई फिलहाल रुक गई है। जब तक बोर्ड पूरा नहीं होगा तब तक सुनवाई नहीं हो पाएगी। इस स्थिति में यह भी तय है नदी सफाई का कार्य प्रभावित होगा। जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को ध्यान में रखते हुए नदी की सफाई अत्यंत जरूरी है वर्ना स्मार्ट सिटी में नदी की बजाए गंदे पानी के नाले ही बहते दिखाई देते रहेंगे।