Rashtriya Pioneer Pride: ज्यादा बोले तो नौकरी खतरे में ज्यादा बोले तो नौकरी खतरे में ================================================================================ Dilip Thakur on 27/02/2018 11:37:00 निगम की टीम ने गुंडे की बजाए अपने ही कर्मचारी का मकान तोड़ दिया इंदौर। पुलिस द्वारा गुंडों के मकान तोड़ने के अभियान का दूसरा चरण शुरू किया गया और इसके तहत कई गुंडों के मकान तोड़े गए और कई मकान तोड़े जाना शेष हैं। इसी बीच एक बड़ी गड़बड़ी भी हो गई। पुलिस के निर्देश पर निगम की टीम ने गुंडे की बजाए अपने ही कर्मचारी का मकान तोड़ दिया। इस घटना के बाद से अधिकारियों की बोलती बंद है। मामला परदेशीपुरा का है। मकान निगम के कर्मचारी कमल राणा का है। पुलिस को नंदकिशोर नामक व्यक्ति का मकान तोड़ना था। पुलिस के अनुसार नंदकिशोर के खिलाफ कई केस दर्ज हैं। गुंडों के मकान तोड़ने के अभियान की तारीफ सीएम, गृह मंत्री और डीजीपी भी कर चुके हैं। साथ ही इसे अन्य जिलों में भी शुरू करने की बात भी कही जा रही है। इंदौर में पुलिस द्वारा शुरू किए गए अभियान से नगर निगम कानूनी रूप से खुद को बचा कर चल रहा है। पुलिस द्वारा सौंपी गई सूची के आधार पर नगर निगम नोटिस जारी करता है। संबंधित व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का समय दिया जाता है। इसके बाद पुलिस के निर्देश पर निगम की टीम दी जाती है मकान तोड़ने के लिए। निगम प्रशासन द्वारा अब तक यही कहा जाता रहा है कि यह कार्रवाई पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है और निगम तो केवल पुलिस को सहयोग कर रहा है। परदेशीपुरा में कमल राणा नामक निगमकर्मी का मकान तोड़ दिया गया। उसका कहना है कि मेरे मकान पर नोटिस चस्पा कर दिया। आपत्ति ली तो किसी ने नहीं सुनवाई नहीं की। अचानक निगम की टीम और पुलिस मकान तोड़ने पहुंची तब भी कमल और उसके परिवार ने मकान के कागजात दिखाए लेकिन किसी ने एक न सुनी और उसका मकान ढहा दिया। कमल ने झोनल अधिकारी नरेंद्र कुरील को शिकायत की कि जिस गुंडे का मकान तोड़ा जाना था वह पड़ोस का मकान था। मेरा मकान क्यों तोड़ दिया गया? अब अधिकारी अपना दामन बचाने में लगे हैं। परदेशीपुरा थाना प्रभारी राजीव त्रिपाठी कह रहे हैं कि गुंडा हमेशा उसी मकान से पकड़ा गया जिसे तोड़ा गया। निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि नोटिस चस्पा करने के बाद तथा कार्रवाई के समय किसी ने आपत्ति नहीं ली। उधर कमल राणा फिलहाल सार्वजनिक रूप से कुछ कहने से बच रहे हैं। उनके परिजनों का कहना है कि हमारा मकान तो पहले ही तोड़ दिया अब यदि कमल ने कुछ कहा तो नौकरी खतरे में पड़ जाएगी। परिजनों ने बताया कि निगमायुक्त मनीष सिंह ने आश्वस्त किया है कि मामले की जांच की जाएगी। जिसने गलती की है उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अब यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि कमल को नया मकान बना कर कौन देगा पुलिस या नगर निगम।