Rashtriya Pioneer Pride: बड़े-बड़े चंदेबाज घूम रहे हैं, उन्हें पकड़ो बड़े-बड़े चंदेबाज घूम रहे हैं, उन्हें पकड़ो ================================================================================ Dilip Thakur on 28/02/2018 11:32:00 परम्पराओं को ही बदलने की कोशिश क्यों की जाती है इंदौर। होली के पूर्व जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई शांति समिति की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंडित कृपाशंकर शुक्ला ने प्रशासन और नेताओं को खूब खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कंडे से होली जलाने पर भी आपत्ति ली और कहा कि परम्पराओं को क्यों बदल रहे हो। कुछ साल पहले कहा गया था कि पानी से होली मत खेलो। त्यौहार परम्पराओं के अनुसार मनाया जाता है और यह परम्पराएं हम सबके बाप-दादाओं से भी पहले से चली आ रही हैं। पं. शुक्ला खरी-खरी बोलने के लिए मशहूर हैं। शांति समिति की बैठक में एक सदस्य ने कहा कि होली पर चंदेबाजी पर रोक लगाई जानी चाहिए। पंडितजी ने कहा कि मोहल्लों में छोटे-छोटे बच्चे कुछ घरों से चंदा मांग कर होलिका दहन करते हैं तो उसमें क्या आपत्ति है। शहर में बड़े-बड़े चंदेबाज खुलेआम घूमते रहते हैं, पकड़ना है तो उन्हें पकड़ो। कुछ सदस्यों ने बड़े ही उत्साह से कहा कि इस बार लकड़ी की बजाए कंडों से होली जलानी चाहिए। सभी को इसके लिए पहल करनी होगी। पं. शुक्ला ने कहा कि होलिका दहन हमेशा से लकड़ियों से होता आया है। यह परम्परा हमारे बाप-दादाओं से भी पहले की है। कुछ लोग पब्लिसिटी के लिए चाहे जैसी बातें करने लगते हैं। कंडों से होली जलाने के दो-तीन घंटे बाद पता भी नहीं चलेगा कि होलिका दहन कहां हुआ था। राख उड़ कर घरों और दुकानों में जाएगी। होलिका दहन के बाद शीतला सप्तमी पर होलिका दहन स्थल पर महिलाएं पूजन करती हैं। क्या कंडों की राख पर पूजन होगा और शीतला सप्तमी तक तो राख भी नहीं बचेगी। पं. शुक्ला ने उन लोगों को भी आड़े हाथों लिया जिन्होंने कुछ वर्ष पूर्व हाली पर केवल टीका लगाने और सूखे रंगों से होली खेलने के लिए खूब अपील की थी। उन्होंने कहा कि कभी कोई कहता है कि पानी से होली मत खेलो, केवल टीका लगा दो, सूखे रंग का ही उपयोग करो। हमारी परम्पराओं को ही बदलने की कोशिश क्यों की जाती है। नर्मदा की पाइप लाइन एक बार फूटती है तो लाखों लीटर पानी सड़कों पर बह जाता है। होली पर तो इतना पानी भी नहीं लगता है। शहर के कुओं, बावड़ियों और बोरिंग के पानी का उपयोग कर उल्लासपूर्वक होली खेलने की अपील की जाए। कुछ लोग त्यौहारों पर बंदिश लगाने की कोशिश करते हैं यह ठीक नही है। पंडितजी के उग्र तेवर देख कर विभिन्न तरह की अपील के सुझाव देने वाले सदस्यों ने चुप्पी साध ली। भाजपा नेता उस्मान पटेल ने कहा कि धुलेंडी शुक्रवार को है और उसी दिन जुमे की नमाज भी है। प्रशासन और पुलिस को यह व्यवस्था करनी होगी कि नमाज पढ़ने जाने र्अौर लौटने वाले लोगों पर कोई रंग न डाले।