Rashtriya Pioneer Pride: सानंद नाट्य स्पर्धा 3 अगस्त से सानंद नाट्य स्पर्धा 3 अगस्त से ================================================================================ Dilip Thakur on 26/07/2019 15:50:00 आयोजन समिति गठित, अभय राजनगांवकर संयोजक मनोनीत इंदौर। भाषा, संस्कृति और कला को समर्पित संस्था सानंद न्यास द्वारा सोलहवीं सानंद मराठी नाट्य स्पर्धा का आयोजन 3 अगस्त से यूसीसी आॅडिटोरियम (विवि परिसर खंडवा रोड) में किया जाएगा। सानंद न्यास के अध्यक्ष श्री सुधाकर काळे एवं मानद सचिव श्री जयंत भिसे ने बताया कि इंदौर नगर के सांस्कृतिक क्षेत्र में सानंद ने अपना अलग श्रेष्ठ स्थान बना रखा है। मनोरंजन के साथ-साथ सानंद न्यास अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए स्थानीय शौकिया कलाकारों को प्रोत्साहित करने की मंशा से सानंद मराठी नाट्य स्पर्धा का आयोजन गत पंद्रह वर्षों से कर रहा है। स्पर्धा आयोजन हेतु एमपीएफसी की एमडी स्मिता भारद्धाज के संयोजकत्व में समिति गठित की गई है जिसमें अभय राजनगांवकर संयोजक, सानंद मित्र कृतिका थालनेरकर सहसंयोजक, संदीप नावलेकर, विनायक पारखी, शिल्पा भार्गव, प्रदीप देशपांडे, विनय देशपांडे, सिद्धार्थ ढवले, प्रफुल्ल कस्तूरे, अभिषेक नांदेडकर, शेखर किबे, अशोक आमनापुरकर, शरद काळे, डॉ. सुलभा डाकवाले, मीनू पोतनीस, लोकेश टाकलकर, प्रवीण कम्पलीकर, रवींद्र लोंढे को सदस्य मनोनीत किया गया है। नाट्य स्पर्धा की सफलता हेतु व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं। नाट्य स्पर्धा के विजेताओं को सुविख्यात चरित्र अभिनेता श्री अच्युत पोतदार द्वारा प्रायोजित प्रथम पुरस्कार पु.ल. देशपांडे की स्मृति में 30 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार पं. सत्यदेव दुबे की स्मृति में 20 हजार रुपए तथा तृतीय पुरस्कार बाबा डिके की स्मृति में 10 हजार रुपए प्रदान किया जाएगा। साथ ही विजेता दल को स्मृति चिन्ह, सर्वोत्कृष्ट दिग्दर्शन, अभिनेता, सहायक अभिनेता, अभिनेत्री, सहायक अभिनेत्री, प्रकाश योजना, ध्वनि संकलन, रंगभूषा, वेशभूषा, नेपथ्य आदि नाटक की सभी विधाओं में प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार स्वरुप स्वर्ण पदक, रजत पदक तथा सहभागिता के लिए सभी कलाकारों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। मनोरंजन के साथ नाटक यह लोक जागरण का सशक्त माध्यम सिद्ध हुआ है। मराठी भाषा में नाट्य विधा की 150 वर्षो की उज्जवल परंपरा रही है। मराठी नाटक की विधा निरंतर बढ़ती रहे, प्रेक्षकों की रूचि बढ़ती रहे तथा इस बहाने सभी रसिकजन एकत्रित हों, मेलजोल बना रहे इसके लिए व्यासपीठ और अवसर मंच के रूप में प्राप्त हो तथा खासकर युवा वर्ग इन रचनात्मक गतिविधियों से जुड़े और जिनमें ऐसी प्रतिभा हो उस सुप्त प्रतिभा को दर्शाने का मौका मिले, इस दृष्टिकोण से सानंद पुन: यह स्पर्धा 3 अगस्त से आयोजित कर रहा है।