Rashtriya Pioneer Pride: पनगढ़िया के जाने से कई योजनाएं धीमी पड़ जाएंगी

पनगढ़िया के जाने से कई योजनाएं
धीमी पड़ जाएंगी
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prashant on 08/08/2017 12:20:00

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद
पनगढ़िया के इस्तीफा देने से कई
योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक पनगढ़िया
थिंक टैंक योजनाओं पर काम कर
रहे थे, जिनमें आगामी 15 साल के
लिए विजन डॉक्युमेंट तैयार
किया जाना था।

नई दिल्ली। नीति आयोग के
उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के
इस्तीफा देने से कई योजनाओं पर
असर पड़ सकता है। सूत्रों के
मुताबिक पनगढ़िया थिंक टैंक
योजनाओं पर काम कर रहे थे,
जिनमें आगामी 15 साल के लिए विजन
डॉक्युमेंट तैयार किया जाना
था। पनगढ़िया जिन प्रोजेक्ट्स
को संभाल रहे थे वे अब धीमे पड़
सकते हैं। रोजगार के लिए चीनी
तट के पास विशेष जोन बनाने की
योजना पर वे विशेष जोर दे रहे
थे। अगले तीन वर्षों के लिए
उन्होंने देश के लिए एक्शन
प्लान का ड्राफ्ट तैयार किया
है। उसके बाद एक व्यापक विजन
डॉक्युमेंट भी आएगा। जिसमें
संभवत: रक्षा, आंतरिक सुरक्षा
और बैंकों के निजीकरण के मुद्दे
शामिल होंगे। पनगढ़िया द्वारा
शुरू की गई योजनाओं की दिशा अब
इस बात पर निर्भर करेगी कि आने
वाले उपाध्यक्ष की
प्राथमिकताएं क्या रहेंगी।
अधिकारियों का कहना है कि
ज्यादातर काम प्रधानमंत्री
कार्यालय की ओर से ही आयोग को
भेजे जाते हैं। पनगढ़िया के
स्थान पर दूसरे व्यक्ति को
कार्य संभालने में समय लगेगा।
पनगढ़िया ने सिंधुश्री खुल्लर
के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स के
सुझाव पर नया ढांचा बनाने के
लिए आयोग के कर्मचारियों की
संख्या को 40 प्रश कम कर दिया था।
मध्य और निचले स्तर के कई
अधिकारियों को बाहर कर दिया गय
था। जिसमें भारतीय आर्थिक सेवा
के अधिकारी भी शामिल थे। साथ ही
बड़ी संख्या में कंसल्टेंट्स
(आॅफिसर आॅन स्पेशल ड्यूटी) और
नए प्रफेशनल्स को काम भी दिया
ताकि कार्य की गुणवत्ता और गति
बढ़े।