Rashtriya Pioneer Pride: बीएचयू विवाद : छुट्टी पर भेजे जा सकते हैं वाइस चांसलर बीएचयू विवाद : छुट्टी पर भेजे जा सकते हैं वाइस चांसलर ================================================================================ prashant on 26/09/2017 10:42:00 बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वाइस चांसलर विवादों में घिर गए हैं। वाइस चांसलर गिरीशचंद्र त्रिपाठी को आज दिल्ली बुलाया गया है। नियमों के अनुसार बीएचयू में वाइस चांसलर का पद एक संवैधानिक पद है। वाइस चांसलर के खिलाफ किसी भी प्रकार की जांच के लिए पहले राष्ट्रपति की मंजूरी लेना जरूरी होता है। उन्हें हटाने के लिए भी राष्ट्रपति ही मंजूरी देते हैं। वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वाइस चांसलर विवादों में घिर गए हैं। विवि परिसर में छात्रा के साथ छेड़छाड़ और उसके बाद कैम्पस में पुलिस बुलाने व पुलिस द्वारा छात्राओं पर लाठीचार्ज करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से चर्चा कर विवाद को जल्द सुलझाने के लिए कहा है। इसके बाद केंद्रीय मानव संसाधान मंत्रालय (एचआरडी) सक्रिय हुआ और बीएचयू के घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट मांगी गई। अब ताजा खबर यह है कि वाइस चांसलर गिरीशचंद्र त्रिपाठी को आज दिल्ली बुलाया गया है। सूत्रों का कहना है कि उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजा सकता है। वाइस चांसलर त्रिपाठी से जब मीडिया ने चर्चा की तो उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्हें एचआरडी मंत्री ने दिल्ली बुलाया है। उन्होंने कहा कि मैं तो विवि की एक्जीक्युटिव कमेटी की मीटिंग के लिए दिल्ली जा रहा हूं। वाइस चांसलर का कार्यकाल अगले माह 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। सूत्रों के अनुसार वाइस चांसलर को हटाने के बारे में भी मंत्रालय में चर्चा हुई लेकिन बीएचयू के आॅटोनॉमस होने के कारण फिलहाल निर्णय नहीं हो पाया है। इस कारण फिलहाल वाइस चांसलर को छुट्टी पर भेजा जा सकता है। नियमों के अनुसार बीएचयू में वाइस चांसलर का पद एक संवैधानिक पद है। वाइस चांसलर के खिलाफ किसी भी प्रकार की जांच के लिए पहले राष्ट्रपति की मंजूरी लेना जरूरी होता है। उन्हें हटाने के लिए भी राष्ट्रपति ही मंजूरी देते हैं।