Rashtriya Pioneer Pride: पारसी समाज का नववर्ष आज पारसी समाज का नववर्ष आज ================================================================================ Dilip Thakur on 20/03/2018 10:25:00 नवरोज पर समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को दी बधाई मुंबई। पारसी समुदाय मंगलवार को अपना नववर्ष नवरोज मना रहा है। यह परंपरा करीब तीन हजार साल पहले शुरू हुई थी। फारस के राजा जमशेद की याद में नवरोज मनाया जाता है। जमशेद ने पहली बार वार्षिक कैलेंडर बनाया और समाज के लोगों को इसकी जानकारी दी थी। पारसी समुदाय के नववर्ष को कई नामों से जाना जाता है जैसे, पतेती, जमशेदी नवरोज और नवरोज। मंगलवार को पारसी समुदाय के लोग नए वस्त्र पहनकर उपासना स्थल फायर टेंपल पहुंचे और प्रार्थना के बाद एक-दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दीं। घर की सफाई कर घर के बाहर रंगोली बनाई गई। पारसी समुदाय देश की सबसे कम आबादी वाले अल्पसंख्यक समुदायों में से एक है। नवरोज वसंत ऋतु में उस दिन मनाया जाता है जब दिन और रात बराबर होते हैं। इस दिन खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं और दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ मिलकर इनका सेवन किया जाता है। लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और दोस्तों के सहयोग व प्रेम के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। पारसी समुदाय मुख्य रूप से अग्नि की पूजा करता है।