Rashtriya Pioneer Pride: सुप्रीम कोर्ट ने धारा 497 निरस्त की सुप्रीम कोर्ट ने धारा 497 निरस्त की ================================================================================ Dilip Thakur on 27/09/2018 12:48:00 तलाक का आधार हो सकता है व्याभिचार नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एडल्ट्री (व्याभिचार) संबंधी कानून की धारा 497 को निरस्त कर दिया है। आज गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि संविधान में मैं, मेरा और तुम सभी शामिल हैं। विवाह के खिलाफ अपराध के मामले में दंड का प्रावधान करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 497 और सीआरपीसी की धारा 198 को कोर्ट असंवैधानिक घोषित करती है। अब यह कहने का समय आ गया है कि पति महिला का मालिक नहीं होता है। चीन, जापान और आॅस्ट्रेलिया में व्याभिचार अपराध नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि व्याभिचार तलाक का आधार हो सकता। शादी के बाहर संबंध बनाना अपराध नहीं हो सकता। यदि पत्नी अपने जीवन इतिहास के व्याभिचार के कारण खुदकुशी करती है तो सबूत पेश करने के बाद ऐसे मामले में खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जा सकता है। महिला की गरिमा सबसे ऊपर है।