Rashtriya Pioneer Pride: पाकिस्तान के खिलाफ पहली कार्रवाई पाकिस्तान के खिलाफ पहली कार्रवाई ================================================================================ Dilip Thakur on 15/02/2019 11:35:00 मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया नई दिल्ली। पुलवामा हमले को लेकर दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह हुई सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक में पाकिस्तान को दिया मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का निर्णय लिया गया। वाणिज्य मंत्रालय इसके संबंध में जल्द सूचना जारी करेगा। भारत ने पाकिस्तान को 1999 में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री अरुण जेटली, तीनों सेनाध्यक्षों व एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को जानकारी दी कि सुरक्षाबल इस हमले में शामिल और समर्थन देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे। घाटी में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के साथ ही हमले में शामिल तथा समर्थन देने वालों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि बैठक की सभी बातें शेयर नहीं की जा सकतीं। विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग करने के लिए भारत जरूरी कदम उठाएगा। इसके लिए हमले उपलब्ध साक्ष्यों को विश्व के सामने रखा जाएगा। सीआरपीएफ शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों को सौंपने की कार्रवाई कर रही है। जेटली ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर जा रहे हैं। वे कल सुबह दिल्ली में होने वाली सर्वदलीय बैठक में घटना की जानकारी देंगे। भारत ने पाकिस्तान को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) बनने के एक साल बाद वर्ष-1996 में ही एमएफएन का दर्जा दे दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने आज तक भारत को यह दर्जा नहीं दिया। उरी हमले के बाद भी भारत पर दबाव बना था कि पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा छीन लिया जाए लेकिन तब सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। दरअसल दो देशों के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते के तहत एमएफएन का दर्जा देने का प्रावधान है। एमएफएन एक आर्थिक दर्जा है जो एक देश किसी दूसरे देश को देता है अथवा दोनों देश एक-दूसरे को यह दर्जा देते हैं। कोई देश जिन अन्य देशों को यह दर्जा देता है, उस देश को उन सभी के साथ व्यापार की शर्तें एक समान तय करनी पड़ती हैं। जिन देशों को एमएफएन का दर्जा दिया जाता है, उन्हें व्यापार में अन्य देशों के मुकाबले कम शुल्क, ज्यादा व्यापारिक सहूलियतें और अधिकतम आयात कोटा की सुविधा दी जाती है। छोटे और विकासशील देशों के लिए एमएफएन स्टेटस महत्वपूर्ण होता है। इससे बड़े मार्केट तक उनकी पहुंच बनती है और वे सस्ते में वस्तुएं आयात कर पाते हैं। निर्यात की लागत भी कम हो जाती है क्योंकि उनसे अन्य देशों के मुकाबले कम शुल्क वसूले जाते हैं। इससे छोटे देशों को भी निर्यात के मोर्च पर बड़े देशों से मुकाबला करने में मदद मिलती है।