Rashtriya Pioneer Pride: इंदौर और रायपुर हवाई अड्डों का होगा निजीकरण इंदौर और रायपुर हवाई अड्डों का होगा निजीकरण ================================================================================ Dilip Thakur on 25/09/2019 15:02:00 संभावनाओं का शहर है इंदौर (अनुराग तागड़े)इंदौर। घाटे में होने के बाद भी इंदौर और रायपुर जैसे हवाई अड्डों को निजी हाथों में देने की तैयारी सरकार ने कर ली है। सरकार की पहली सूची में मात्र 6 हवाई अड्डे थे परंतु अब 10 हवाई अड्डों की सूची बना ली गई है जिसमें इंदौर व रायपुर का भी नाम है। इस सूची में वाराणसी, कालीकट, पटना, अमृतसर, भुवनेश्वर के अलावा रांची, कोयंबटूर, त्रिची का भी नाम शामिल है। सभी हवाई अड्डों को इसी वर्ष निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। वर्ष आरंभ होने के बाद अडानी समूह को अहमदाबाद, लखनऊ और मैंगलुरु हवाई अड्डे के परिचालन की मंजूरी कैबिनेट से मिल चुकी है। दरअसल इस संपूर्ण प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है परंतु अब सरकार इसे फास्ट ट्रेक पर ले जाना चाहती है। लगभग 10 बड़ी कंपनियों ने पहले बोलियां लगाई थीं और यह माना जा रहा है कि अब अडानी के साथ जीएमआर, एएमपी केपिटल, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट फंड आदि फिर बोलियां लगाएंगे। सरकार की योजना कुल 25 हवाई अड्डों को निजी हाथों में देने की है। पीपीपी मॉडल पर इन हवाई अड्डों को विकसित करते समय संबंधित कंपनी को वर्तमान स्टाफ का 40 प्रतिशत अपने साथ रखना होता है और बाकी स्टाफ पुन: विमानपत्तन प्राधिकरण के पास चला जाता है। अडानी कंपनी ने केवल एयरपोर्ट संचालन के बिजनेस में उतरते ही अडानी एयरपोर्ट्स लिमिटेड नामक कंपनी आरंभ कर दी है। अडानी कंपनी 6 हवाई अड्डों का संचालन करने जा रही है और अब बाकी के हवाई अड्डों की बारी है। इंदौर संभावनाओं का शहर है इंदौर और रायपुर को घाटे वाले हवाई अड्डे कहा जा रहा है परंतु इंदौर में भविष्य में बहुत सारी संभावनाएं हैं। इस बात की पूर्ण संभावना है कि जीएमआर या जीवीके इंदौर को लेकर बोली लगाए। इसमें से भी अगर जीवीके मुंबई हवाई अड्डे का परिचालन करता है और इंदौर से सबसे ज्यादा कनेक्टिविटी मुंबई की ही है इस कारण संभावना यह भी बनती है कि मुंबई के साथ इंदौर में भी वह अपना कार्य आरंभ कर सकती है। जो भी कंपनी इंदौर में आती है यह बात निश्चित है कि वह फायदा तलाशेगी और जब कंपनी को अगले 50 वर्ष तक का बिजनेस देखना है तब यह बात निश्चित है कि अगले 50 वर्षों में इंदौर की गिनती देश के बेहतरीन शहरों में होगी ही। होटल से लेकर मॉल खुल सकते हैं निजीकरण होने से जो भी कंपनी शहर में आएगी वह निश्चित रुप से हवाईअड्डे पर होटल का निर्माण जरुर करेगी। इसके अलावा बड़े ब्रांड के रेस्टोरेंट भी खुल सकते हैं। इसके कारण रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। इतना ही नहीं अब अंतरराष्ट्रीय उड़ान आरंभ होने के बाद मुंबई का कुछ एयर ट्रैफिक इंदौर को भी मिल सकता है क्योंकि मध्यभारत में इंदौर से बड़ा और तेजी से विकसित होता शहर और कोई नहीं है। मेट्रो रेल की कनेक्टिविटी के कारण और भी फायदा होने की उम्मीद है शहर को।