Rashtriya Pioneer Pride: दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्ति अनिवार्य दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्ति अनिवार्य ================================================================================ Dilip Thakur on 09/12/2017 11:29:00 उत्तराखंड विधानसभा में गुरुवार को पारित हुए स्थानांतरण एक्ट के लागू होने के बाद राज्य में पहली नियुक्ति व पदोन्नति अनिवार्य रूप से दुर्गम क्षेत्रों में होगी। देहरादून। विधानसभा में गुरुवार को पारित हुए स्थानांतरण एक्ट के लागू होने के बाद राज्य में पहली नियुक्ति व पदोन्नति अनिवार्य रूप से दुर्गम क्षेत्रों में होगी। यह व्यवस्था 1 जुलाई, 2020 से प्रभावी होगी। पहली व दूसरी पदोन्नति के लिए सेवा का न्यूनतम आधा भाग दुर्गम क्षेत्रों में व्यतीत करना कार्मिकों के लिए जरूरी होगा। स्थानांतरण विधेयक में सरकार ने प्रावधान किया गया है कि स्थानांतरण एक्ट लागू होने की तिथि से 30 जून-2020 तक की अवधि को संक्रमणकाल मानकर इस अवधि में पदोन्नति की दशा में कार्मिक द्वारा ऐसा आधा भाग दुर्गम क्षेत्र पर व्यतीत नहीं किया गया हो तो उसे यह बॉन्ड भरना होगा कि उक्त अवधि पूरी होने तक वह अनिवार्य रूप से दुर्गम स्थान पर तैनात रहेगा। दुर्गम क्षेत्र में तैनात कार्मिकों के लिए प्रोत्साहन लाभ की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे कार्मिक जो 7 हजार फीट से ज्यादा दुर्गम स्थान पर तैनात हैं तो वहां एक वर्ष की सेवा अवधि को दो वर्ष के सुगम स्थान की सेवा के समान माना जाएगा। 7 हजार फीट से कम ऊंचाई पर स्थित दुर्गम में तैनात कार्मिक की 1 वर्ष की सेवा को एक वर्ष तीन माह की सुगम स्थान की सेवा के समान माना जाएगा।