Rashtriya Pioneer Pride: बदल जाएगी 1 हजार गांवों की दशा बदल जाएगी 1 हजार गांवों की दशा ================================================================================ Dilip Thakur on 21/12/2017 12:00:00 महाराष्ट सरकार ने राज्य के 1 हजार गांवों की दशा बदलने के लिए अनोखा अभियान शुरू किया है। जिसमें रतन टाटा से लेकर अमिताभ बच्चन तक को इससे जोड़ा गया है। कई उद्योगपतियों ने आगे आकर इस योजना से जुड़ने की पहल की है। अगले कुछ ही दिनों में इन गांवों में बदलाव की बयार नजर आने लगेगी। नागपुर। महाराष्ट्र के 1 हजार गांवों में परिवर्तन लाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। बॉलीवुड से लेकर देश के जाने-माने उद्योगपति इन गांवों की दशा और दिशा बदलने के प्रयास में जुटे हैं। इस कार्य से जुड़े फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक स्वेता शालिनी के अनुसार कार्य अभी शुरू हुआ है लेकिन जल्द ही इसके नतीजे सामने आने लगेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने ग्राम सामाजिक परिवर्तन संस्था (महाराष्ट्र विलेज सोशल ट्रांसफॉर्मेशन फाउंडेशन) का गठन किया है जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं। फाउंडेशन के निदेशक हैं- रतन टाटा, अमिताभ बच्चन, आनंद महिंद्रा, केतन पारेख, राजकुमार धूत, सज्जन जिंदल आदि। इन्होंने महाराष्ट्र के 36 जिलों में 1 हजार गांवों का चयन किया है। ये ऐसे पिछड़े गांव हैं जहां बुनियादी सुविधा बिलकुल भी नहीं हैं। नक्लस प्रभावित गढ़चिरौली जिले में 25 गांव भी इस सूची में शामिल हैं। इन गावों में विकास कार्य संभालने के लिए एक ऐसे व्यक्ति का चयन किया जाता है, जो स्वेच्छा से वहां काम करने का इच्छुक हो। पहले उस व्यक्ति को प्रशिक्षण दिया जाता है फिर वह गांव में जाकर सरपंच और ग्रामीणों के साथ कार्य प्रारंभ करता है। ग्राम विकास योजना से उद्योगपतियों के जुड़े होने से सामाजिक दायित्व कोष यानी सीएसआर फंड मिलेगा, जिसका उपयोग इन गावों के विकास में किया जाएगा। सीएसआर फंड से जितनी राशि मिलेगी उतनी रही राशि महाराष्ट्र सरकार भी देगी। जो उद्योगपति सीएसआर के तहत फंड नहीं दे सकते वे इन गांवों में अन्य सुविधा मुहैया कराएंगे, जैसे एलईडी बल्ब बनाने वाली एक कंपनी गांवों में स्ट्रीट लगाएगी। परभणी के चयनित गांवों को रिलायंस कंपनी गोद लेगी।