Rashtriya Pioneer Pride: डिप्टी कमिश्नर की 85 एफडी बेनामी संपत्ति डिप्टी कमिश्नर की 85 एफडी बेनामी संपत्ति ================================================================================ Dilip Thakur on 09/03/2018 11:24:00 आयकर विभाग ने की कार्रवाई भोपाल। आदिवासी विकास विभाग के डिप्टी कमिश्नर सेवकराम भारती की 1.05 करोड़ रुपए की 85 बैंक एफडी बेनामी पाई गर्इं। भारती द्वारा यह एफडी परिजनों के नाम दो बैंकों की तीन शाखाओं में कराई गई थीं। आयकर विभाग द्वारा जांच के दौरान भारती के परिजन अपनी आय का स्रोत नहीं बता सके। बेनामी लेन-देन निषेध कानून के अस्तित्व में आने के बाद मप्र के उच्च पदस्थ अधिकारी के खिलाफ यह पहली कार्रवाई बताई गई है। उक्त एफडी 17 सालों में 95 लाख रुपए नकद देकर कराई गई थीं। इसका ब्याज 55 लाख रुपए हो चुका है। आयकर विभाग ने भारती के सभी बैंक खाते अटैच कर दिए गए थे। इसके खिलाफ भारती ने जबलपुर हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने खातों पर लगी रोक हटा दी थी। इसके बाद आयकर विभाग ने हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील की थी। पूरे मामले की गंभीरता पता लगने के बाद कोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा बैंक खाते फ्रीज करने को जायज ठहराया। आयकर विभाग ने पूरी जानकारी लोकायुक्त एसपी को भी भेज दी है। लोकायुक्त पुलिस ने 2016 में भारती के ठिकानों में छापे मारे थे। जिसकी जांच अभी जारी है। भारती ने छिंडवाड़ा में पदस्थ पटवारी पंकज काकोड़े से कृषि आय प्रमाण पत्र बनवाए थे। जिनमें बताया गया कि उक्त राशि भारती की सास नर्मदीबाई को कृषि आय से प्राप्त हुई है। चूंकि सास भारती के साथ ही रहती हैं इसलिए उन्होंने भारती की पत्नी व उनके दो बेटों के नाम यह एफडी कराईं। भारती ने कृषि आय प्रमाण पत्र लोकायुक्त पुलिस को सौंपे थे। आयकर विभाग ने पटवारी से पूछताछ की तो सारे आय प्रमाण पत्र झूठे साबित हुए। विभाग ने नर्मदीबाई के खसरे से आकलन किया तो उस जमीन से केवल 10 लाख रुपए की कृषि उपज हुई। लागत के बाद शुद्ध आय लगभग शून्य थी।