Rashtriya Pioneer Pride: कौन है वह युवती...पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ा कौन है वह युवती...पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ा ================================================================================ Dilip Thakur on 01/05/2018 12:18:00 10 माह से पुलिस आॅफिसर्स मैस में की जा रही थी खातिरदारी इंदौर। जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस...लेकिन मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में हुई घटना ने पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा में ही सेंध लगा दी है। इंदौर के पुलिस आॅफिसर्स मेस में एक युवती 10 माह तक रुकी रही। पुलिस अधिकारी उसकी सेवा करते रहे। उसे गाड़ी और गनमेन भी दिया। युवती ने खुद को एडीजी की बहन बताया था। अब जाकर पता चला कि युवती तो किसी दूर के रिश्ते में भी एडीजी की बहन नहीं है। अब उससे पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि सुरक्षा के घेरे को तोड़ कर मैस में रुकने के पीछे उसका क्या उद्देश्य था। इस मैस में डीजीपी से लेकर अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ठहरते हैं। इंदौर में एसएएफ (स्पेशल आर्म्ड फोर्स) की पहली बटालियन के कैम्पस में पुलिस आॅफिसर्स मैस बनाया गया है। कैम्पस के सभी गेट पर आर्म्ड पुलिस गार्ड तैनात रहते हैं अर्थात आम आदमी तो मैस तक पहुंच भी नहीं सकता। इस हाईप्रोफाइल मैस में आम तौर पर आईपीएस अधिकारी ही ठहरते हैं। दस माह पहले यहां एक युवती आकर ठहरी। उसने स्वयं को एडीजी अजय शर्मा की बहन बताया। अधिकारियों ने उसे एसी रुम दिया। इसके बाद गाड़ी, ड्राइवर और चौबीस घंटे के लिए आर्म्ड सुरक्षा गार्ड भी दिए। वह दस माह तक मैस ठहरी लेकिन किसी ने इंदौर में पदस्थ एडीजी अजय शर्मा से नहीं पूछा कि आपकी बहन मैस में क्यों रह रही है? गत दिवस मैस में वह पुलिसकर्मियों पर रौब झाड़ रही थी, इसी दौरान वहां पहुंचे सिटी पुलिस के एक अधिकारी को कुछ शक हुआ। उस समय उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन कुछ घंटों बाद जब यह अधिकारी किसी कार्य से एडीजी आॅफिस पहुंचे तो उन्होंने एडीजी से सामान्य चर्चा के दौरान पूछ ही लिया- सर, आपकी बहन को मैस में रहने के दौरान कोई असुविधा तो नहीं हो रही है, यदि कोई असुविधा हो तो मुझे बताएं, मैं मैस में व्यवस्था के लिए कह दूंगा। यह सुन कर एडीजी चौंक गए, उन्होंने कहा कि मेरी तो कोई बहन ही नहीं है। कौन है वह युवती और किसके कहने पर उसे मैस में रहने के लिए कमरा दिया गया है, तुरंत पता लगा कर बताइए? इसके बाद तो पूरे महकमे में हड़कम्प मच गया। युवती को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू की गई है। अब तक उसने यह नहीं बताया है कि वह किस उद्देश्य से मैस में ठहरी थी और क्या उसने गोपनीय जानकारियां किसी तक पहुंचाई हैं? पुलिस अधिकारी अब यह भी पता लगा रहे हैं कि 10 माह पूर्व किस अधिकारी ने उसे मैस में ठहरने की अनुमति दी थी। राजधानी भोपाल से भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मामले की जानकारी ली जा रही है।