Rashtriya Pioneer Pride: अब हॉबी नहीं हेल्थ के लिए भी भारतीय शास्त्रीय संगीत अब हॉबी नहीं हेल्थ के लिए भी भारतीय शास्त्रीय संगीत ================================================================================ Anurag Tagde on 27/11/2017 11:09:00 कई लोगो की इच्छाएं रहती है कि वे जवानी में संगीत सीखे परंतु इच्छाएं अपूर्ण रह जाती है और यही कारण है कि ऐसे लोग अब रिटायरमेंट के बाद संगीत सीख रहे है। - बच्चे और वरिष्ठ सीख रहे बड़े मनोयोग से शास्त्रीय संगीत भारतीय शास्त्रीय संगीत को लेकर युवाओं में जिस प्रकार से क्रेज बढ़ रहा है वही दूसरी ओर बच्चों और वृद्धों में भी शास्त्रीय संगीत को लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा है और यह स्वास्थ्यगत कारणों से बढ़ रहा है। रिटायरमेंट के बाद इच्छा पूर्ण कर रहे है कई वरिष्ठजन रिटायरमेंट के बाद भारतीय शास्त्रीय संगीत सीख रहे है। कई लोगो की इच्छाएं रहती है कि वे जवानी में संगीत सीखे परंतु इच्छाएं अपूर्ण रह जाती है और यही कारण है कि ऐसे लोग अब रिटायरमेंट के बाद संगीत सीख रहे है। रिटायरमेंट के बाद संगीत सीखने का स्वास्थ्यगत कारण यह भी है कि इससे व्यक्ति के मन पर अलग तरह का प्रभाव पड़ता है और वह बीमारियों से दूर रहता है। कई ऐसे लोग है जो मार्निंग वॉक के बाद सीधे योग या संगीत सीखने जाते है। शहर के मल्हाराश्रम से लेकर यशवंत क्लब के आसपास के क्षेत्र में सुबह के समय योग करते वृद्धों को देखा जा सकता है जो बाद में संगीत की शिक्षा लेने के लिए भी जाते है। सुबह के समय खासतौर पर शास्त्रीय संगीत अपने आप में शांति प्रदान करता है और शरीर पर अलग तरह का असर डालता है। बच्चों में संस्कार के लिए संगीत वही बच्चों में संस्कार के साथ ही उनमें एकाग्रता आए इस कारण भी उन्हें माता पिता संगीत सिखाते है। यह कहा जाता है कि संगीत सीखने से न केवल एकाग्रता बढ़ती है बल्कि ऐसे बच्चे सामाजिक रुप से भी काफी सफल रहते है। कई माता पिता अपने बच्चों को इस कारण से संगीत सीखा रहे है ताकि वे बड़ो का आदर करना सीख सके तो कुछ केवल इस कारण से संगीत सीखा रहे है ताकि बच्चे सोशल मीडिया और मोबाईल गेम्स से दूर रहे। कई बच्चों को उनके माता पिता अब यह कहने लगे है कि अगर चाहो तो गाने लगाकर पढ़ाई करो। इसके पीछे का भी तर्क यह है कि वर्तमान के बच्चों में मल्टीटास्किंग की आदत है जिसके कारण वे एक साथ कई काम कर सकते है और बड़े मनोयोग के साथ काम कर सकते है क्योंकि उनका मस्तिष्क इस तरह से विकसित हुआ है जबकि पुराने समय में एक समय में एक ही काम करने के लिए कहा जाता था।