Rashtriya Pioneer Pride: बेसिक जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकते बेसिक जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकते ================================================================================ Dilip Thakur on 10/07/2019 15:54:00 जनरेशन गैप में उलझे परिवारों को टूटने से कैसे बचाएं (3) तीसरी किश्त ...भरोसा पैदा करने की जिम्मेदारी आपकी है। बच्चे को विश्वास होना चाहिए कि माता-पिता मेरी बात सुनेंगे, समझेंगे और सही मार्गदर्शन देंगे। ऐसा होने पर बच्चा आपसे हर बात शेअर करेगा। अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं।... पायोनियर ग्रुप के चेअरमेन डॉॅ. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है। कल तक जो होम मेकर थी वह आज हाऊस वाइफ हो गई है और इससे बहुत ज्यादा प्रॉब्लम्स सामने आ रही हैं। जो कल तक घर बना कर चलती थी अब वह घर बिखरने लग गया है। जब तक उनका ध्यान इस ओर जाता है तब तक घर बिखर चुका होता है। घर और मकान में फर्क है। यदि आपके घर में अतिरिक्त जिम्मेदारियां आईं तो आप बेसिक जिम्मेदारियों से मुंह तो नहीं मोड़ सकते। अब तो हाऊस वाइफ शब्द भी बुरा लगने लगा है। अब यह कहा जाता है कि मैं तो प्रोफेशनल हूं। एक उदाहरण देता हूं। आप जब भी नया मोबाइल फोन लेने जाते हैं तो दुकान पर उसके फीचर्स देखते हैं। दुकानदार से भी फीचर्स के बार में ही जानकारी लेते हैं। मोबाइल खरीद रहे हैं बात करने के लिए लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि कोई भी ग्राहक यह नहीं पूछता कि इसमें इनकमिंग कॉल और आऊटगोइंग कॉल में कोई परेशानी तो नहीं आती। बात करते समय आवाज ठीक से आती है और उसमें कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं होती है। यही बेसिक बात है क्योंकि मोबाइल का मूल उपयोग तो बात करना और सामने वाले की आवाज ठीक से सुनाई देना ही है। वास्तव में इसी तरह काम करना हमारी आदत हो गई है और जीवन के हर क्षेत्र में हम बेसिक बातों से दूर होते जा रहे हैं। हम कई मामलों में तो अपने बच्चों से ही कॉम्पिटिशन करने लगते हैं। अच्छे पक्ष पर ध्यान देने की बजाए निगेटिव बातों पर ज्यादा ध्यान देने की हमारी आदत हो गई है। इस कारण हमारे कामकाज और व्यवहार की दिशा भी निगेटिव हो जाती है। फिर हमें हर जगह और हर लेवल पर समझौते करने पड़ेंगे। हर काम आपकी इच्छा के अनुरूप नहीं हो सकता और ऐसी स्थिति में सुखी जीवन की कल्पना संभव नहीं है। (क्रमश:)