नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नॉलजी (आईआईटीज), नेशनल इंस्टट्ीयूट्स आॅफ टेक्नॉजी (एनआईटीज) और कई अन्य यूनिवर्सियों सहित केंद्र से अनुदान पाने वाले शैक्षिक संस्थानों में बड़ी संख्या में फैकल्टी के पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए सरकार अगले पखवाड़े से भर्ती अभियान शुरू करने वाली है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भर्ती मुहिम शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा 53.28 प्रतिशत पद नई सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में खाली हैं। एनआईटी में 47 प्रश और पुराने के साथ-साथ नए आईआईटीज में 35 प्रतिशत से ज्यादा वेकेंसी है। जावडेकर ने कहा कि इन संस्थानों को दिसंबर तक 75 प्रतिशत खाली पदों को अनिवार्य रूप से भरना होगा। सरकार पहले वाली फैकल्टी को फिर से नियुक्त करने और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों की मदद लेने के बारे में सोच रही है। पुराने आईआईटीज में 39 पद खाली हैं।तो नए में थोड़ी ठीक है। वहां 36 प्रश पद खाली हैं। सबसे बुरा हाल एनआईटीज का है जहां 47 प्रश पद खाली हैं। पुराने 20 में से 14 एनआईटीज में 40 प्रश या उससे भी ज्यादा पद रिक्त हैं। 8 पुराने में से 4 आईआईटी में भी यही स्थिति है।इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ मैनेजमेंट (आईआईएम्स) जैसे संस्थानोंमें भी 26.01 प्रतिशत पद खाली हैं। आईआईएम इंदौर में 51 प्रश, और कोलकाता में 41 प्रश पद खाली हैं। 1 अप्रैल 2017 तक सबसे ज्यादा 75.11 प्रश पद सेंट्रल यूनिवर्सिटी आॅफ हरियाणा में खाली हैं। इसी अवधि में दिल्ली यूनिवर्सिटी में 54.75 पद खाली हैं। यूनिवर्सिटी आॅफ इलाहाबाद में 64 प्रश पद रिक्त हैं।
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