मुंबई। आप विश्वास करें या न करें लेकिन यह बिलकुल सही तथ्य है कि भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी गोलकीपर सविता पूनिया अब भी बेरोजगार हैं। वे लंबे समय से नौकरी तलाश रही हैं। चीन के खिलाफ एशिया कप फाइनल में निर्णायक पेनल्टी रोक कर 13 साल बाद भारत को खिताब दिलाने वाली हरियाणा की सविता ने 2008 में अपने अंतरराष्ट्रीय कॅरियर का आगाज किया था। हाल ही में 150वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं। उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं लेकिन अब तक नौकरी नहीं पा सकीं। उनका कहना है कि मेरी उम्र 27 वर्ष होने वाली है और मैं पिछले नौ साल से नौकरी ढूंढ रही हूं लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली। हरियाणा सरकार की मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना के तहत मुझे उम्मीद बंधी थी लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहे हैं। नौकरी नहीं मिलने से सविता की निराशा बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं नौ साल से हॉकी खेल रही हूं और आज भी अपने खर्च के लिए माता-पिता से पैसा लेना पड़ता है, जबकि इस उम्र में मुझे उनकी देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर समय यही तनाव रहता है कि मेरे पास नौकरी नहीं है। मैं अपने प्रदर्शन पर उसका असर नहीं पड़ने देती लेकिन हर जीत पर उम्मीद बंधती है और फिर टूट जाती है। यह सिलसिला सालों से चल रहा है। रियो ओलंपिक के बाद सविता ने भारतीय खेल प्राधिकरण में भी हॉकी कोचिंग के लिए आवेदन दिया था पर वहां से भी जवाब का इंतजार है। हालांकि अब एशिया कप में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके साथ ही हॉकी प्रेमियों को भी उम्मीद है कि राज्य के साथ ही केंद्र सरकार भी उनकी सुध लेगी और उनका इंतजार खत्म होगा।
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