नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशनसिंह बेदी से डर कर वर्तमान कप्तान विराट कोहली कभी दूर भागते थे क्योंकि बेदी नए खिलाड़ियों को बहुत ही सख्ती के साथ ट्रेनिंग देते थे। यह रहस्योद्घाटन स्वयं कोहली ने एक सम्मान समारोह में किया।
समारोह में विराट कोहली को 50 इंटरनेशनल सेंचुरी बनाने पर डीडीसीए की ओर बिशनसिंह बेदी ने ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विराट ने कहा कि यह अवॉर्ड बेदी सर से पाकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं जब अंडर-15, अंडर-17 क्रिकेट खेलता था तब बेदी सर से डर कर दूर भागता रहता था क्योंकि वे काफी सख्ती से ट्रेनिंग देते थे। मगर अब मुझे फिटनेस का महत्व पता है और यह मेरे जीवन का अहम हिस्सा है। इसके लिए मैं बेदी सर को शुक्रिया कहना चाहूंगा। इस अवसर पर पूर्व कप्तान बिशनसिंह बेदी ने विराट की प्रशंसा करते हुए कहा कि विराट से युवा कई बातें सीख सकते हैं। क्रिकेटर के तौर पर मैं अब भी सीख रहा हूं। पिछले तीन-चार सालों में मैंने जितनी बातें विराट से सीखीं हैं वह कल्पना से परे हैं। उन्होंने क्रिकेट को हमेशा अपने से आगे रखा है। हम जब खेलते थे तो यह चीज हमने नवाब मंसूर अली खान पटौदी से सीखी थी। बेदी ने कहा आज पेशेवर होने को बैंक बैलेंस से जोड़ा जाता है। मैंने एक बार सर डॉन ब्रैडमैन से पूछा था कि आप पेशेवर क्रिकेटर क्यों नहीं बने। सर डॉन ने कहा कि मैं खेल से मिलने वाले मजे को खत्म नहीं करना चाहता। पेशेवर बनते ही दिमाग में कुछ न कुछ खराब विचार आने लगते हैं। मैं वैसा नहीं करना चाहता। जब उनसे पूछा गया कि आपको लोग किस तरह याद रखें तो उन्होंने कहा कि लोग मुझे मेरी ईमानदारी के लिए याद रखें। यह वाकया सुनाने के बाद बेदी ने विराट की ओर देखते हुए कहा कि आप भी अपने प्रति, अपनी टीम के प्रति और लाखों क्रिकेट प्रेमियों के प्रति सदा ईमानदारी बनाए रखिएगा।
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