हैदराबाद। जनता को सुविधाएं देने में आ रही बाधा को दूर करने के लिए एक विधायक ने ऐेसा कुछ किया जो अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए मिसाल बन गया। अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि एक बार वोट लेने के बाद जनप्रतिनिधि मतदाताओं के बीच आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं लेकिन आंध्रप्रदेश में अलग ही मामला सामने आया है।
पश्चिम गोदावरी जिले में तेलगुदेशम के विधायक एन. रामा नायडू ने अपने मतदाताओं के लिए जो कुछ किया वह आश्चर्यजनक है। क्षेत्र के लोगों की शिकायतें लगातार आ रही थीं कि श्मशान में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं और जब भी वे किसी प्रियजन का अंतिम संस्कार करने वहां जाते हैं तो बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। विधायक श्री नायडू ने तुरंत इस समस्या के निराकरण की पहल की। उन्होंने विधायक निधि से राशि मंजूर कर श्मशान के नवीनीकरण का कार्य करने के आदेश दिए और बस यहीं से मुसीबत भी शुरू हो गई। निर्माण कार्य का ठेका जिस ठेकेदार को दिया गया उसने कार्य ही रोक दिया। विधायक ने उसे बुलाकर पूछताछ की तो पता चला कि श्मशान में कार्य करने के लिए मजदूर तैयार नहीं हैं। कार्य शुरू करने के अगले ही दिन एक मजदूर ने श्मशान में जला हुआ शव देख लिया और उसके बाद सभी मजदूर भाग खड़े हुए। मजदूरों का कहना है कि श्मशान में बुरी आत्माएं हैं जो उन्हें परेशान करेंगी, इस कारण वे वहां काम नहीं करेंगे। ठेकेदार की बात सुनने के बाद विधायक श्री नायडू ने सभी मजदूरों को अपने निवास पर बुलवाया। उनसे बातचीत की और उन्हें समझाया कि वहां कोई बुरी आत्मा नहीं है लेकिन मजदूर मानने को तैयार नहीं हुए। अंतत: विधायक ने कहा कि मजदूरों का डर दूर करने के लिए वे खुद रात्रि में श्मशान में ही सोएंगे। उन्होंने ऐसा किया भी। पहले दिन उन्हें मच्छरों ने परेशान किया तो अगले दिन से वे मच्छरदानी लगा कर सोने लगे। पिछले कुछ दिनों से वे हर रात श्मशान में ही सो रहे हैं। उन्हें सकुशल देखने के बाद अब मजदूरों का भय दूर हुआ है और वे काम करने को तैयार हो गए हैं। विधायक का कहना है कि काम शुरू होने के बाद भी वे कुछ दिन और श्मशान में ही सोएंगे ताकि मजदूर पूरी तरह भयमुक्त हो जाएं।
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