महंगी शिक्षा लेकर आगे बढ़ने वालों से नैतिकता की उम्मीद बेमानी
डॉॅ. प्रमोद कुमार जैन
चेअरमेन, पायोनियर ग्रुप
तथा
चीफ एडिटर
राष्ट्रीय पायोनियर प्राइड
गतांक से आगे...
7- आज एक ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट लड़का अपनी बात को अपनी भाषा में सही रूप से प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है। कारण यह नहीं है कि वह नहीं कर सकता था, कारण है उसे कभी इस तरीके से सिखाया ही नहीं गया।
8- आज इंडस्ट्री एम्प्लॉएबल कैंडिडेट के लिए तरसती है। डिग्रीधारी तो बहुत मिलते हैं लेकिन एम्लॉएबल नहीं मिलते। शिक्षा जो कि हमारे संविधानके अनुसार स्टेट गर्वनमेंट की जिम्मेदारी थी, उसमें पूर्णत: विफल होने के बाद स्टेट गर्वनमेंट ने अपनी पॉलिसी में चेंज करके प्राइवेट स्कूल्स, कॉलेजेस और यूनिवर्सिटी को प्रमोट किया। जिसके कारण शिक्षा महंगी भी हुई और उसका व्यावसायीकरण भी हुआ। जब कोई डॉक्टर, इंजीनियर महंगी शिक्षा लेकर आगे बढ़ता है, नौकरी करता है तो उससे नैतिकता की उम्मीद करना बेमानी है।
9- आज हमारी शिक्षण संस्थाएं एक ऐसे सिस्टम में बंध गई हैं जहां उनके पास पढ़ाने के किसी भी मापदंड में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने का अधिकार नहीं है। नतीजा एक स्टीरियो टाइप परीक्षा पद्धति, शिक्षण पद्धति चली आ रही है जो समय के परिवर्तन के साथ परिवर्तित नहीं हुई। नतीजा... जो विद्यार्थी पढ़ कर बाहर निकलते हैं वे पूरी तरह से सिस्टम के लिए अनफिट होते हैं। जिसमें उनका कोई दोष नहीं होता। (क्रमश:)
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