नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग और तकनीकी पाठ्यक्रमों का नया करिकुलम जारी किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे लांच किया। उन्होंने कहा कि छात्रों को सामयिक बातें अधिक सिखाने की जरूरत है। नए करिकुलम में इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा जोर दिया गया है। इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया है। थ्योरी पेपर के क्रेडिट को घटाकर 160 किया गया है, जिसमें 14 क्रेडिट समर इंटर्नशिप के भी होंगे। विद्यार्थियों को इंडस्ट्री में दो से तीन माह की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लेनी होगी जिसमें समर वकेशन में की गई इंटर्नशिप भी शामिल होगी। एआईसीटीई के निदेशक अनिल सहस्त्रबुद्धे का कहना है कि इससे विद्यार्थी जॉब के लिए नए स्किल्स सीखेंगे। पिछले दिनों कहा गया था कि इंजीनियरिंग कॉलेजों से निकलने वाले 60 प्रतिशत विद्यार्थी रोजगार के लायक नहीं थे। इसे ध्यान में रखते हुए एआईसीटीई ने सिलेबस में परिवर्तन किया है। अब नए करिकुलम के तहत इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को इंडक्शन ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से लेनी पड़ेगी। काउंसिल ने एफिलिएटेड विश्वविद्यालयों से आग्रह किया है कि वे हर साल करिकुलम को अपडेट करने के लिए अपने यहां कंसल्टेशन कमेटी का गठन करें।
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