मुंबई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो लोगों को उनके अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करने के बदले में 12 प्रतिशत तक कमीशन देता था। गिरोह के ग्राहक राजस्थान, गुजरात और मुंबई के वसई उपनगर तक फैले हैं।पुलिस के अनुसार गिरोह का मुख्य सूत्रधार सुनील यरपुडे है जो डाक विभाग में काम करता है। उसकी ड्यूटी मुंबई एयरपोर्ट पर एयर कार्गो में थी। वह विदेश से आए पत्रों की छंटाई कर उन्हें मुख्य डाकघर तक पहुंचाता था। जिन लिफाफों में उसे किसी चेक के होने का आभास होता था, उन्हें वह डोंबिवली निवासी संजय जैन को दे देता था। जो बेयरर चेक होते थे, संजय उनमें 50 हजार रुपए तक रकम लिखकर खुद या अपने साथियों को बैंक भेजकर रुपए निकलवा लेता था। वहीं जो अकाउंट पेयी चेक होते थे, उन पर लिखी राशि व नाम को उसके साथी ज्ञानचंद परिहार और सोहन भनावत बारीकी से बिगाड़ देते थे और फिर उनमें किसी ऐसे आदमी का नाम लिख देते थे, जिनके अकाउंट नंबर उन्हें पहले से पता होते थे। फिर इन अकाउंट्स में चेक जमा कर दिए जाते थे। आरोपियों के पास इन अकाउंटधारकों के एटीएम कार्ड भी होते थे, इसलिए चेक क्लीयर होते ही वे एटीएम से रकम निकाल लेते थे। बदले में अकाउंटधारकों को 12 तक कमीशन मिलता था। डाक विभाग में काम करने वाले यरपुडे को प्रति चेक 10 हजार रुपये संजय जैन देता था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 45 चेक जब्त हुए हैं, जो आॅस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और खाड़ी के देशों से मुंबई भेजे गए थे। गोरेगांव के एक मामले की जांच से इस गिरोह का पता चला। गोरेगांव केस में एक व्यक्ति ने 1.85 लाख का चेक किसी को भेजा था लेकिन वह चेक संबंधित व्यक्ति को नहीं बल्कि जयपुर के एक व्यक्ति के अकाउंट में पहुंचा तब उसने पुलिस को शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने जांच करते हुए पूरे गिरोह को धरदबोचा। जो लोग 12 प्रतिशत कमीशन लेते थे उनकी गिरफ्तारी भी शीघ्र ही की जाएगी।
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