नई दिल्ली। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत के संबंध में अपने पूर्वानुमानों में बदलाव किया है। एजेंसी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पूर्व में एजेंसी ने दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जाहिर किया था। एजेंसी के अनुसार बाजार की स्थिति के ताजा विश्लेषण से आकलन किया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार अपेक्षा से कमजोर हैं इसलिए वृद्धि दर अनुमान में कटौती करनी पड़ी है। अगले वर्ष 2018-19 में भारत की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि अपने सितंबर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में एजेंसी ने यह अनुमान 7.4 प्रतिशत तय किया था। फिच ने कहा है कि जुलाई-सितंबर की तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोर पकड़ा और जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही जो कि दूसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रही थी। हालांकि यह सुधार अपेक्षा से कमजोर हैं। एजेंसी ने कहा है कि हाल ही की तिमाहियों में वृद्धि दर निराश करने वाली रही। इसके लिए नवंबर 2016 में घोषित नोटबंदी और 1 जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ी दिक्कतें जिम्मेदार हैं। उल्लेखनीय है कि जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर की तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही और इस तरह से उसमें पांच तिमाहियों की गिरावट पर विराम लगा। एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि ढांचागत सुधारों के क्रमिक कियान्वयन से अगले दो साल में जीडीपी वृद्धि दर मजबूत होगी। खर्च योग्य आय बढ़ने का भी इसमें योगदान रहेगा।
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