बच्चों पर माता-पिता का दबाव

सुधा साधवानी
आपने देखा होगा कि ज्यादातर माता-पिता को अपने बच्चों की तुलना दूसरों के बच्चों से करने की एक बहुत बुरी आदत होती है। अगर आपके किसी दोस्त का बच्चा पढ़ाई, खेलकूद या किसी अन्य क्षेत्र में कुछ खास कर रहा है तो आप भी चाहने लगते हैं कि आपका बच्चा भी ऐसा ही करे। जब वह आपके द्वारा थोपे गए काम को नहीं कर पाता तो आपको लगने लगता है कि आपका बच्चा तो कुछ कर ही नहीं सकता है।
पैरंट्स को चिंता होती है कि उनके बच्चे पीछे न छूट जाएं। इसके अलावा कुछ पैरंट्स अपने बच्चों के जरिए अपने अधूरे सपने भी पूरे करना चाहते हैं। हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे बड़े होकर लायक बनें और साथ ही साथ वे अपने नैतिक मूल्य और संस्कार भी याद रखें। बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है बेहतर परवरिश। माता-पिता के तौर पर हमें कुछ ऐसी बातों को याद रखना होगा, जिनसे बच्चा मानसिक रूप से मजबूत बन सके। इनमें सबसे ज्यादा जरूरी 5 बातें आज हम आपको बता रहें हैं-
1. उम्मीद रखना बुरी बात नहीं है। मगर ध्यान रहे कि ये उम्मीदें कब दबाव का रूप ले लेती हैं आप समझ ही नहीं पाते। अभिभावक के तौर पर हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम बच्चों पर उम्मीदों का बोझ न डालकर उन्हें स्वतंत्र रूप से जीने दें। उनकी रुचि को समझने का प्रयास करें और बच्चे अपने लिए जो लक्ष्य निर्धारित करते हैं उन्हें हासिल करने में उनकी मदद करें।
2. अनुशासन में रहना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य होता है। मगर कई बार हम अनुशासन को सजा की मंजिल तक पहुंचा देते हैं। बच्चों को अनुशासन में रहना सिखाएं लेकिन याद रखें कि उन्हें बात-बात पर सजा न दें।
3. हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान के बारे में बताएं। बच्चों को जीवन से जुड़ी हर वस्तु की कीमत और उसे पाने के पीछे की गई मेहनत के बारे में अवश्य बताएं ताकि वह एक अच्छा जिम्मेदार नागरिक बन सके।
4. यदि आपका बच्चा कोई गलती करता है तो उसे अनावश्यक सजा देने की बजाए उसे गलती से सीख लेने के बारे में बताएं। गलती करने में परिणाम क्या हो सकता है, इस बात का अंदाजा उन्हें होना चाहिए।
5. बच्चों को चोट लगने पर किस माता-पिता का दिल नहीं दुखता। बच्चों को खेलने-कूदने या फिर किसी और शारीरिक गतिविधि के दौरान चोट लगती है तो उसे रोकने की बजाए हमें उसका उत्साहवर्द्धन करना चाहिए ताकि उनका खुद पर भरोसा मजबूत हो सके।