किसी वीआईपी की गाड़ी नाली में गिरेगी तब शुरू होगा काम!

इंदौर। आम लोगों की जान कितनी सस्ती है कि कोई भी कहीं भी सड़क दुर्घटना में मारा जा सकता है अथवा जीवन भर के लिए अपाहिज होकर परिवार पर बोझ बन सकता है लेकिन इससे अफसरों और जनप्रतिनिधियों को कोई मतलब नहीं है। 
ताजा मामला बायपास का है। सर्विस लेन पर सड़क किनारे करीब पांच फीट चौड़ी और इतनी ही गहरी नालियां खुदी हुई हैं। बारिश का पानी बहाने के लिए इन्हें बनाया गया है। रात्रि में नालियां दिखाई नहीं देती हैं और अक्सर वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होते रहते हैं। गत रात भी एक कार इस नाली में जा गिरी। अब तक कई लोग इस तरह की दुर्घटनाओं में घायल हो चुके हैं लेकिन नालियों को ढंकने के लिए हर बार अधिकारी केवल आश्वासन ही देते आए हैं। इंदौर के जनप्रतिनिधियों की बात शायद इंदौर से लेकर भोपाल और दिल्ली तक कोई सुनता ही नहीं है क्योंकि वे भी एक नहीं सैकड़ों बार इन नालियों को ढंकने के लिए बोल चुके हैं। कई बैठकों में भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाया लेकिन उन्हें भी केवल आश्वासन ही मिले। इससे ऐसा लगता है कि अफसरों की बातों का वजन जनप्रतिनिधियों से ज्यादा हो गया है। 
बायपास की सर्विस लेन से रात्रि में गुजरने वाले वाहन चालक शासन को कोसते हुए ही निकलते हैं क्योंकि हर पल यही भय सताता रहता है कि कहीं गाड़ी सहित नाली में न जा गिरें। नालियां सड़क के लेवल पर ही हैं। बारिश में घास ऊग आने के कारण चालक को पता ही नहीं चल पाता है कि सड़क किनारे नालियां कहां से शुरु हो रही हैं। परेशान लोगों का कहना है कि अब तो किसी वीआईपी की गाड़ी के नाली में गिरने का इंतजार है तभी अफसरों की नींद खुलेगी और नालियों को ढंकने का कार्य शुरू हो पाएगा। इस कार्य के लिए बजट भी स्वीकृत हो चुका है उसके बावजूद लापरवाही जारी है।