तेज गति नहीं, आॅइल खत्म होने से खराब हो रहे हैं वाहन, कचरा कलेक्शन वाहनों के चालकों पर सख्त हुआ निगम प्रशासन

इंदौर। शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में लगे वाहन तेज गति से नहीं, आॅइल खत्म होने से खराब हो रहे हैं। अब जिन चालकों से वाहन खराब हुए हैं, मरम्मत का खर्च उन्हीं से वसूला जाएगा। 
यह वाहन एक वर्ष पहले ही निगम ने ब्लक में खरीदे थे। 700 से अधिक कचरा वाहन, अधिकारियों-कर्मचारियों के वाहन, स्वाइप मशीन आदि सरपट गति से दौड़ रहे हैं। अधिकांश वाहन वारंटी पीरियड में हैं। वाहनों की गति थामने के लिए निगम ने जीपीएस लगा रखा है, जिसकी सतत मॉनिटरिंग होती है। एक-दो घटनाओं के बाद वाहन चालकों ने  एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। हालांकि, कुछ वाहन चालक मनमाने ढंग से वाहन चला रहे हैं। ऐसे चालकों को नौकरी से हटा दिया गया है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में वाहन खराब होकर वर्कशॉप पहुंच रहे हैं। निगम सकते में है कि इतनी जल्दी वाहन खराब कैसे हो गए। वर्कशॉप पहुंचने कुछ वाहनों की हेड लाइट टूटी मिली। किसी का साइड ग्लास निकला हुआ था तो किसी का हॉर्न और स्पीकर बंद पाए गए।  
यह भी एक कारण
वर्कशॉप प्रभारी सुमित अस्थाना ने बताया कि नए वाहन वारंटी पीरियड में हैं। उन्हें सर्विसिंग के लिए कंपनी में भेजा जाता है। वाहनों में छोटे-छोटे काम निकल रहे हैं, इसलिए वर्कशॉप में सुधार देते हैं। कचरा वाहनों सहित सभी वाहन निर्धारित गति से चल रहे हैं। वाहन तेज चलने से खराब नहीं होता। वाहनों में डीजल भरवाते समय आॅइल डलवाना भूल जाते हैं, इससे वाहनों का इंजन खराब होने लगे हैं। वहीं, चालक घर जल्दी जाने के चक्कर में ट्रेंचिंग ग्राउंड में एक-दूसरे के वाहनों को टक्कर मारते रहते हैं, जिससे वाहनों में रगड़ के साथ टूट-फूट होना आमबात हो गई है। 
60 नए वाहन आएंगे 
निगम अगले माह 30 छोटे व 30 बड़े वाहन और खरीद रहा है। ये वाहन भी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में उपयोग में लिए जाएंगे। ये वाहन उन वार्डों में भेजे जाएंगे जहां वाहनों की कमी से 100 फीसदी कचरा नहीं उठ पा रहा है। खासकर उन इलाकों से जहां की गलियां इतनी संकरी हैं कि वहां तक बमुश्किल दोपहिया वाहन पहुंच पाते हैं। 30 वाहन पूरी तरह खुले रहेंगे जबकि जबकि शेष वाहन बंद रहेंगे। बंद वाहनों से कचरा सड़क पर नहीं बिखरेगा।