पारम्परिक हिंगोट युद्ध में युवक की मौत, कई घायल

इंदौर। इंदौर जिले के गौतमपुरा में दीपावली के दूसरे दिन परम्परानुसार युद्ध का आयोजन किया गया। इसमें एक पुलिसकर्मी सहित 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। दो युवकों को गंभीर हालत में इंदौर लाया गया। इसमें से एक युवक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। 
पुलिस के अनुसार मृतक का नाम है- किशोर पिता भारत (25) निवासी दातरवा तहसील बड़नगर। दूसरे युवक का उपचार जारी है। गौतमपुरा में दीपावली के दूसरे दिन हिंगोट युद्ध की परम्परा वर्षों से जारी है। शाम होते ही दो दलों के बीच जलते हुए हिंगोट फेंक कर युद्ध लड़ा जाता है। तुर्रा और कलंगी दलों के योद्धाओं के बीच हिंगोट युद्ध होता है। शाम होते ही दोनों दलों के योद्धा आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर हिंगोट बरसाना शुरू कर दिया। देवनारायण मंदिर के सामने का मैदान रणभूमि में तब्दील हो गया। इस पारंपरिक युद्ध के लिए ये योद्धा काफी दिनों से तैयारियां में जुटे हुए थे। युद्ध के दौरान योद्धा अपने-अपने दल का निशान लिए हुए थे और एक-दूसरे पर हिंगोट से निशाना लगा रहे थे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पूरे समय मौजूद रहे। 
कई लोग घायल
जलते हुए हिंगोट से योद्धाओं के साथ ही कई दर्शक भी घायल हुए। प्रशासन द्वारा घायलों की संख्या की जानकारी नहीं दी गई है। कई घायल अस्पताल पहुंचे तो कई घायल ऐसे भी थे जिन्होंने स्थानीय डॉक्टरों से ही उपचार करा लिया। स्थानीय लोगों के अनुसर पचास से अधिक लोग घायल हुए। एक पुलिसकर्मी के सिर में चोट आई। 
इस तरह तैयार होता है हिंगोट
हिंगोट एक फल का नाम है जो हिंगोरिया नामक पेड़ पर लगता है। छोटे आकार के इस फल को योद्धा एकत्र करते हैं और उसमें बारीक सुराख कर उसे धूप में सुखाते हैं। इसके बाद उसमें बारुद भर कर बत्ती लगाते हैं और पीली मिट्टी से सुराख को बंद कर देते हैं। युद्ध के दौरान हिंगोट की बत्ती को सुलगा का फेंका जाता है। बारुद जलते ही हिंगोट हवा में उड़ता हुआ तेजी से सामने की ओर जाता है।