वीडियो देखने के बाद बोलती हुई बंद

इंदौर। पुलिस द्वारा शहर में रात्रि में कई स्थानों पर बैरिकेड्स लगा कर चेकिंग की जाती है। चेकिंग के स्थान हर थाना क्षेत्र में फिक्स हो गए हैं और आम लोगों से लेकर गुंडों तक को इन स्थानों की जानकारी है। गुंडे गलियों में से होते हुए बच निकलते हैं। कई मामलों में तो पुलिस ही कार्रवाई से पीछे हट जाती है। ऐसे ही एक मामले में पुलिस अधिकारियों की बोलती बंद हो गई है।
पुलिस की रात्रि गश्त के दौरान जरूर असामाजिक तत्व हाथ लग जाते हैं। इसके बावजूद शहर में देर रात चार पहिया वाहनों के कांच फोड़ने, वाहन चुराने, घरों व दुकानों में चोरियां करने की वारदातें थम नहीं रही हैं। पुलिस जब भी सड़कों पर वाहनों को रोक कर चेकिंग शुरू करती है तब चेकिंग पॉइंट पर खड़े पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को बहुत संयम से काम करना पड़ता है क्योंकि हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति या तो किसी अधिकारी का नाम बताता है या किसी नेता का। पुलिस से बात करने का उनका तरीका भी ऐसा होता है जिसे शालीन तो नहीं कहा जा सकता। अंत में पुलिसकर्मियों को पुलिस की वास्तविक स्टाइल बतानी ही पड़ती है। 
ताजा मामला राऊ क्षेत्र का है। वहां रात्रि में सड़क किनारे खड़ी कार देख रात्रि गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों ने कार के कांच खुलवाए। अंदर दो लोग शराब पीते दिखे। पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की तो दोनों ने अभद्र तरीके से जवाब दिए। एक पुलिसकर्मी ने पूरी कार्रवाई का वीडियो बना लिया। पुलिसकर्मियों ने थाने चलने के लिए कहा तो कार सवार दोनों लोग वहां से रवाना हो गए। अगले दिन कार नंबर के आधार पर पुलिस ने एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए थाने बुलाया तो उसने बताया कि वह रेत का ठेकेदार है। रात्रि में उसके साथ झाबुआ जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी कार में थे। उस व्यक्ति ने थाने पर अधिकारियों के सामने कहा कि शहर के बाहर गए थे। लौटते समय किसी कार्य से राऊ में कार रोकी तो पुलिसकर्मियों ने चेकिंग के नाम पर अभद्र व्यवहार किया। कार में उनके साथ झाबुआ जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी थे। अधिकारियों ने संबंधित पुलिसकर्मियों को तलब किया तो उन्होंने वीडियो बता दिया जिसमें दोनों लोग कार में शराब पी रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने यह भी बताया कि इस घटना के बारे में उन्होंने रोजनामचे में भी मामला दर्ज किया है। अब पुलिस अधिकारी सकते में हैं कार्रवाई कैसे करें? अधिकारियों की बोलती बंद है।