पुलिस भी तुम्हारी, नेता भी तुम्हारे और... हम बेचारे

इंदौर। सियागंज के व्यापारी को धमकाकर पांच लाख रुपये वसूलने वाले गुंडे पर कार्रवाई को लेकर व्यापारी लामबंद हैं। यह देखकर सही मायने में यह लगने लगता है कि भाजपा का ही राज पुलिस भी उनकी और अब गुंडे का विरोध करने वालों में भी भाजपा के ही लोग। अब यह तो ठीक है कि व्यापारी की पकड़ ठीक थी इस कारण बात बाहर भी आई वर्ना ऐसे कई लोग हैं जिनसे इस प्रकार से प्रोटेक्शन टैक्स वसूला गया होगा। प्रश्न बड़े सीधे हैं कि आखिर कौन किसका विरोध कर रहा है और इसमें आम जनता कहां है? आम जनता तो अभी भी चेन झपटने वालों और सरेआम छेड़खानी करने वाले, बलात्कार करने वालों से ही परेशान है। कहने को कानून-व्यवस्था ठीक-ठाक है पर जिस तरह से दिन ब दिन छेड़खानी और बलात्कार व लूट घटनाएं सामने आ रही हैं उससे यह साफ है कि इंदौर सहित प्रदेश में अपराध बढ़ ही रहे हैं। जब इस बारे में संबंधित अधिकारियों से पूछा जाता है तब सभी के पास रटा रटाया जवाब होता है कि प्रदेश में एफआईआर लिखी जाती है आप अन्य राज्यों में जाकर देखो एफआईआर दर्ज ही नहीं होगी। पर इन अधिकारियों से यह भी पूछा जाना चाहिए कि इनमें से कितनों पर कार्रवाई हुई है? तब ये सभी बगले झांकने लगते हैं। आम जनता बेचारी रहती है और चाहे जो सरकार आ जाए अपनी बेचारगी पर रोना रोने के अलावा उसके पास कुछ नहीं रहता। अगर अपराधों की बढ़ती संख्या पर लगाम नहीं लगाई गई तो निश्चित रुप से आम जनता के मन में भय बढ़ेगा जो सरकार के विरुद्ध ही काम करेगा।