दिल्ली की तर्ज पर इंदौर हवाई अड्डे में भी बनेगी एयरोसिटी

इंदौर। यह निश्चित रुप से शहर के विकास की गति को तेजी लाने वाली खबर है कि शहर का देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे की गिनती भविष्य में देश के बड़े हवाई अड्डों में होगी। शुक्रवार को एयरपोर्ट के विस्तार और विकास के लिए लोकसभा अध्यक्ष और सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन ने दिल्ली में एअरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों और इंदौर कलेक्टर के साथ एक लंबी बैठक की। इस बैठक में कलेक्टर और एअरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया के चेयरमैन ने ताई को भविष्य की योजना बताई, जिसके बाद ताई ने राज्य शासन से जमीन लेने पर सहमति जताई। इसके बाद बैठक में कलेक्टर ने बताया कि वे शनिवार को ही कैबिनेट के लिए नोट भोपाल भेज देंगे, जिसके बाद अतिरिक्त जमीन अतिशीघ्र मिल जाएगी। विकास व विस्तार दो चरणों में होगा जिसके तहत दिल्ली की तर्ज पर इंदौर में एयरोसिटी बनेगी।
लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती महाजन, चेयरमैन गुरूप्रसाद महोपात्रा, कार्यकारी निदेशक आर्किटेक्चर एस. बिश्वास, इंदौर एअरपोर्ट की निदेशक सुश्री आर्यमा सान्याल, कलेक्टर निशांत वरवड़े  स्पीकर के प्रमुख सचिव सुनील तातेड़ भी बैठक में उपस्थित थे। ताई ने अधिकारियों को भविष्य के इंदौर एअरपोर्ट की आवश्यकताओं के मद्देनजर सुझाव दिए। ताई ने कहा कि आगे चलकर डोमेस्टिक के साथ इंटरनेशनल उड़ानों हेतु अलग-अलग टर्मिनल की आवश्यकता होगी। बहुत तेजी से यहां पर उड़ानें बढ़ रही हैं, ऐसे में रन-वे को बढ़ाना होगा अलग से टैक्सी-वे बनाना पड़ेगा। 
इंदौर शहर की पहचान देवी अहिल्याबाई से है, इसलिए एयरपोर्ट के मुख्य भवन के बाहर उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। भविष्य की प्लॉनिंग दो चरणों में होगी जिसके तहत तहत दिल्ली की तर्ज पर इंदौर में भी एयरोसिटी बनाई जाएगी। इसके अंतर्गत कन्वेंशन सेंटर, बजट होटल, दो प्रवेश व दो निकास के अलावा मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। एएआई को इससे अतिरिक्त नॉन एरोनॉटिकल रेवेन्यू प्राप्त होगा।  वर्तमान में भारत में इस रेवेन्यु का कुल रेवेन्यु में हिस्सा 15-20 प्रतिशत तक ही है। दुनिया के अन्य देशों में यह 40-50 प्रतिशत तक भी पहुंच जाता है। इसके प्राप्त होने से यात्रियों पर एयरपोर्ट फैसिलिटी शुल्क व हैंडलिंग शुल्क का भार भी कम पड़ेगा।
ताई ने मल्टीलेवल पार्किंग में निचले तल पर दोपहिया वाहनों के जगह आरक्षित रखने का सुझाव भी दिया, जिस पर अधिकारियों ने सहमति जताई। साथ ही वे आॅटो रिक्शा के लिए निश्चित दूरी पर पार्किंग-पाइंट बनाने की ताई की बात से भी सहमत हुए। मल्टीलेवल पार्किंग में लिफ्ट नहीं लगेगी, बल्कि रैम्प से कारें ऊपर जाएंगी।
कलेक्टर ने ताई और एएआई के चेयरमैन को आश्वस्त किया कि एअरपोर्ट हेतु इसी वित्तीय वर्ष में 28 एकड़ जमीन हस्तांतरित कर दी जाएगी। कार्ययोजना पर अमल के साथ ही विस्तार व विकास की दृष्टि से देश के बड़े एयरपोर्ट की सूची में इंदौर भी शामिल हो जाएगा। यहां कार्गो  सर्विस के लिए ताई ने अलग रोड का सुझाव दिया, जिसे अथॉरिटी ने तुरंत मान्य किया। एक तरह से इंदौर विमानतल ग्रीन एअरपोर्ट होगा क्योंकि यहां प्रदूषण संबंधी मानकों का खासतौर पर ध्यान रखने के साथ ही, तेजी से बढ़ते यातायात के लिए अलग-अलग रोड और विमानतल के सामने खुली जगह का लैंड स्केपिंग कर सुंदर बनाने के अलावा नजदीक की एकेवीएन की रोड से कनेक्टिविटी और हवाई यात्रियों तथा अन्य राहगीरों के लिए पृथक रास्ते बनाकर आवाजाही में सुविधा का ध्यान भी रखा जाएगा। इसके लिए ताई ने भी बैठक में सुझाव दिया था। 
बैठक में श्रीमती महाजन ने कहा कि इंदौर एअरपोर्ट पर यात्रियों के साथ-साथ कार्गो का भी उज्जवल भविष्य है। इसे लेकर आने वाले 20-30 वर्षों के हिसाब से कार्गो हैंडलिंग के लिए भवन अथवा जगह को निर्धारित कर उस पर कार्य करने की जरूरत है। ताई ने कार्गो सर्विस के लिए अलग रोड बनाने की बात भी कही, जिस पर मंजूरी हो गई।
एअरपोर्ट से लगे बिजासन माता मंदिर की तरफ की जो सड़क है वह औद्योगिक केंद्र विकास निगम द्वारा बनाई गई है। कार्गो के साथ ही इस सड़क के विस्तार आदि बिंदुओं पर निर्णय लेने के लिए कलेक्टर के साथ एकेवीएन के अधिकारी 23 जनवरी को इंदौर में चर्चा करेंगे। 
बैठक में एअरपोर्ट पर शहर की विविधताओं, ऐतिहासिक महत्व व वर्तमान उपलब्धियों को दर्शाने वाले डिस्प्ले बोर्ड्स लगाने पर भी सहमति बनी। ताई ने कहा कि जिस तरीके से छोटे विमानों का चलन बढ़ रहा है, भविष्य में इंदौर में भी निजी विमान इंदौर एअरपोर्ट पर खड़े होंगे, इसलिए इस विस्तार में निजी हैंगरों की आवश्यकता और मेन्टेनेंस के लिए मेजर स्टेशन को भी ध्यान में रखना होगा।