स्वच्छता जैसे ही ट्राफिक व्यवस्था के लिए भी जुटें

इंदौर। देशभर में इंदौर की स्वच्छता की पहल को पहचान भी मिली और काफी प्रसिद्धि भी मिली है। अब स्वच्छता को लेकर इंदौर मिसाल भी बन चुका है। स्वच्छता मिशन को लेकर एक बात तो तय है कि इंदौर अगर ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है। हम चाहें तो शहर को स्वच्छ रख सकते हैं और अगर हम चाहें तो किसी भी घटना के विरोध में खड़े भी हो सकते हैं। हम लोगो की तासीर ही ऐसी है कि हम लगातार किसी भी अभियान को चलाने में सक्षम हैं क्योंकि हम एकजुट हैं और अपने शहर को लेकर हमारे मन में अलग ही प्रकार का आकर्षण है। आज शहर में सबसे बड़ी समस्या अगर कोई है वह यह है कि शहर की सड़कें चलने लायक नहीं बचीं। चार पहिया, दोपहिया छोड़ो शहर की सड़कें पैदल चलने लायक भी नहीं बचीं। कारण साफ है कि हमारे शहर की सड़कें छोटी होती जा रही है और वाहन ज्यादा। परंतु यह तथ्य भी हाल ही में सामने आया कि शहर की सड़कों पर मात्र 16 प्रतिशत कारें हैं जिनके कारण ही समस्या आती है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि हम लेन में चलने के आदि नहीं हैं और हम एक-दूसरे से आगे जाने की जिद में यह नहीं देखते कि हम किस ओर से आगे जा रहे हैं। हमारे लिए दांया और बांया एक समान हो जाता है और हम अपनी गति से आग बढ़ते रहते हैं और इस बात की ओर ध्यान ही नहीं देते कि इसका असर ट्राफिक पर कितना पड़ता है। अगर हम सही तरीके से चलें और ट्राफिक लेन का पालन करें तो निश्चित रुप से शहर का ट्राफिक अच्छा और व्यवस्थित हो सकता है और हमें इसके लिए स्वच्छता अभियान की तरह काम करना होगा और ऐसी ही जागरुकता पैदा करना होगी।