जियोस की बैठक थी या जनसुनवाई

इंदौर। जिला योजना समिति की बैठक की सारी बातें बाहर आ गईं। भाजपा नेताओं के आपसी विवादों की जानकारी आम लोगों तक पहुंच गई। अब तक लोग यही समझते थे कि कांग्रेस नेता ही आपस में विवाद करते हैं लेकिन जियोस की बैठक में जो कुछ हुआ उससे लोगों का भ्रम टूट गया। वित्त मंत्री के सामने भाजपा नेताओं ने सीमाएं लांघी और एक-दूसरे पर जमकर कटाक्ष किए। 
जियोस की बैठक में आम तौर पर मीडिया और गैर सदस्यों को प्रवेश नहीं दिया जाता है लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में प्रदेश के वित्त मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया जैसे वरिष्ठ नेता के समक्ष सब कुछ चलता रहा। बैठक में कई गैर सदस्य मौजूद दिखे। बैठक के बीच में महिलाएं भी अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर तक जा पहुंचीं और उनसे चर्चा करने लगीं। यह देख कर ऐसा लग रहा था जैसे जियोस की बैठक नहीं बल्कि जनसुनवाई चल रही है। 
बैठक के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा एक-दूसरे के प्रति खुल कर टीका टिप्पणी की गईं। कुछ टिप्पणियां तो ऐसी थीं जिनसे स्पष्ट हो गया कि नेतागण एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए यह सब कर रहे हैं। वरिष्ठ पार्षद मुन्नालाल यादव ने पानी की टंकी का मुद्दा उठाया तो प्रभारी मंत्री मलैया अथवा कलेक्टर वरवड़े कुछ बोल पाते उसके पहले ही आईडीए अध्यक्ष शंकर लालवानी बोल पड़े। उन्होंने तीखे स्वर में मुन्नालाल यादव को यहां तक कह डाला कि नगर निगम तो जाते नहीं हैं यहां मुद्दे उठा रहे हैं। इतना सुनते ही विधायक रमेश मेंदोला आगबबूला हो गए। उन्होंने तेज आवाज में लालवानी को जवाब दिया कि यह नगर सरकार है और यहां सभी तरह के मुद्दों पर चर्चा होती है। यदि आपको नहीं सुनना है तो बाहर निकल जाओ। दोनों पक्षों में तेज आवाज में बहस शुरू हो गई जिसमें अन्य नेता भी शामिल हो गए। यह देख कर प्रभारी मंत्री मलैया ने दोनों को शांत कराया। बैठक के दौरान जब विधायक मनोज पटेल व अन्य पार्षदों ने शहर से संबंधित मुद्दे उठाए तो मेंदोला ने फिर तीखे स्वर में लालवानी से कहा कि इन्हें रोक कर क्यों नहीं कह रहे हो कि यह नगर निगम से संबंधित मुद्दे हैं। मेंदोला ने बैठक में यह मांग भी कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आईडीए अटल खेल परिसर में हॉकी स्टेडियम बनवा रहा है। सुपर कॉरिडोर पर आईडीए की जमीन है, वहां हॉकी स्टेडियम क्यों नहीं बनाया जाता। अटल खेल परिसर में इसका निर्माण नहीं किया जाए। यदि ऐसा हुआ तो बच्चे खेलने कहां जाएंगे। हॉकी स्टेडियम पर हॉकी संगठन द्वारा कब्जा कर लिया जाएगा। 
प्रभारी मंत्री के हस्तक्षेप से बैठक में विवाद शांत हो गया लेकिन आने वाले दिनों में यह निश्चित रूप से बड़ा स्वरूप लेगा क्योंकि मुन्नालाल यादव क्षेत्र क्रमांक दो में पार्षद ही नहीं बल्कि वरिष्ठ नेता भी हैं और विजयवर्गीय व मेंदोला गुट से पिछले कई वर्षों से जुड़े हैं। महापौर मालिनी गौड़ से चल रहे विवाद के कारण क्षेत्र क्रमांक दो के भाजपा पार्षद न तो नगर निगम जाते हैैं और न ही निगम की किसी बैठक में शामिल होते हैं। विवाद दो और चार नंबर के बीच का है लेकिन अचानक लालवानी का इस विवाद में कूदना लोगों को समझ में नहीं आया। लालवानी क्षेत्र क्रमांक 4 से चुनाव लड़ने की तैयारी में भी हैं जबकि इस क्षेत्र से वर्तमान विधायक व महापौर मालिनी गौड़ स्वयं चुनाव लड़ेंगी अथवा अपने पुत्र एकलव्य गौड़ को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी भी कर चुकी हैं। इस स्थिति में दो नंबर के नेताओं से लालवानी जिस भी रणनीति के तहत भिड़े वह तो ठीक है लेकिन यह राजनीतिक विवाद आने वाले दिनों मे विभिन्न स्तरों पर लगातार बड़े स्वरूप में देखने को मिलेगा। 
बैठक में दूसरा विवाद देपालपुर के भाजपा विधायक मनोज पटेल की ओर से देखने को मिला। उन्होंने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के चार वार्ड शहरी क्षेत्र में हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण नगर निगम द्वारा नहीं किया जाता है। जब भी मतदाता मुझे कोई समस्या बताते हैं तो नगर निगम में उन पर कोई ध्यान नहीं देता। यह सुनकर महापौर मालिनी गौड़ ने कहा कि आप मुझे जानकारी दीजिए, समस्याओं का निराकरण करा दूंगी। इस पर विधायक पटेल ने तुरंत पलटवार किया और कहा कि- आप फोन ही नहीं उठाती हैं तो जानकारी कैसे दूं। उनके यह कहते ही भाजपा नेताओं में फिर वाक्युद्ध शुरू हो गया और एक बार फिर प्रभारी मंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा। पूर्व मंत्री एवं विधायक महेंद्र हार्डिया ने भी समस्या बताई। उनकी बातों से ऐसा लगा कि प्रशासन और नगर निगम में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि मूसाखेड़ी में अस्पताल का निर्माण होना है। वर्क आॅर्डर जारी हो चुका है लेकिन जमीन को अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया जा रहा है। कई अन्य मुद्दे भी उठे जिन पर प्रभारी मंत्री चुप रह गए।