किसान आंदोलन के लिए तैयार रहें

इंदौर। गुजरात में अच्छी खासी सीटों की सफलता पर सवार कांग्रेस को मध्यप्रदेश में काफी उम्मीदें नजर आ रही हैं। प्रदेश में जिस प्रकार से प्रशासनिक रुप से पकड़ ढीली पड़ती जा रही है कांग्रेस उसका लाभ लेना चाहती है और अभी से उसने इसके लिए तैयारी आरंभ कर दी है। 
दरअसल प्रदेश कांग्रेस में यह संदेश साफ होता जा रहा है कि अब युवाओं का समय आने वाला है और अब तक जिसने जितनी भी राजनीति करना थी गुटबाजी के नाम पर वह हो चुकी है। अब सही मायने में बदलाव की बात हो रही है और उसके लिए बाकायदा रणनीति बनाने की बात भी हो रही है। कांग्रेस चाहती है कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में जोरदार नेटवर्क तैयार किया जाए और अगले वर्ष के मध्य से किसान आंदोलन में पुन: जान फूंकी जाए ताकि विधानसभा चुनाव तक उसकी आग जलती रहे। 
गुटबाजी से ऊपर उठकर हो रही है बातें
अगर ध्यान से देखा जाए तब कांग्रेस का प्रदेश में कोई भी गुट मुखर होकर कुछ नहीं बोल रहा है और कांग्रेस का हाथ मजबूत करने की बात कर रहा है और वहीं कार्यकर्ताओं तक यह संदेश भी जा रहा है कि कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता को भी अपने आप के लिए नए सिरे से सोचना पड़ रहा है और सही मायने में कांग्रेस में बदलाव आ रहा है।  
ग्रामीण क्षेत्र चिन्हित हो गए हैं
कांग्रेस ने अपने आप के लिए ग्रामीण क्षेत्र चिन्हित कर लिए हैं जहां पर पार्टी अपना फोकस तय करेगी। कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी संगठन के बैनर तले ही काम करने की सलाह भी दी गई है और जिसका असर भी नजर आ रहा है। अगले कुछ महीनों में कांग्रेस के भीतर नए तरह से आम जनता के साथ जुड़ने की कोशिशें नजर आएंगी। कांग्रेस आम जनता में जो भी लोकप्रिय बातें हैं वह करती नजर आएगी और इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी तैयार हैं। प्रदेश से मीनाक्षी नटराजन से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया सभी राहुल गांधी के नजदीक हैं और लगातार प्रदेश के बारे में फीडबैक दे रहे हैं। कांग्रेस इस बार प्रदेश में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए सभी कुछ करने को तैयार है जिसमें भाजपा को भाजपा की तरह जवाब देना शामिल है और उसके लिए अभी से भोजन भंडारे के कार्यक्रम होना आरंभ हो चुके हैं। आम जनता से सीधे किस प्रकार से जुड़ा जाए इस पर संपूर्ण कवायद चल रही है और हो सकता है कि आगे आने वाले समय में राहुल गांधी सराफे में या फिर उज्जैन में महाकाल की आरती करते नजर आ जाएं।