छेड़छाड़ का दोषी वीआईपी दीर्घा में

चंडीगढ़। रुचिका छेड़छाड़ केस में दोषी ठहराए गए हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ को गणतंत्र दिवस पर वीआईपी दीर्घा में बैठाया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सरकार द्वारा वीआईपी का दर्जा देने के मामले में अब सवाल उठाए जा रहे हैं। 

राठौड़ पंचकूला में हुए आयोजन में वीआईपी दीर्घा में पहली पंक्ति में बैठे थे। दोषी व्यक्ति को वीआईपी दीर्घा में बैठाए जाने पर हरियाणा की बीजेपी सरकार निशाने पर आ गई है। रुचिका छेड़छाड़ केस में लंबी लड़ाई लड़ने वाली रुचिका की सहेली अनुराधा ने गणतंत्र दिवस समारोह में राठौड़ की मौजूदगी को तिरंगे का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि यह पंचकूला जिला प्रशासन के लिए भी शर्मनाक है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए व्यक्ति को राष्ट्रीय पर्व के आयोजन में बुलाने का मतलब साफ है कि प्रशासन ऐसे अपराधियों को प्रोत्साहित कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि रुचिका से छेड़छाड़ की घटना 12 अगस्त 1990 को हुई थी। उस समय राठौड़ हरियाणा के डीजीपी थे। घटना पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित हरियाणा लॉन टेनिस असोसिएशन के आॅफिस में हुई थी। घटना के तीन साल बाद रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी। राठौड़ को इस मामले में सजा दिलवाने में रुचिका की सहेली अनुराधा की अहम भूमिका थी। अनुराधा की माता मधुप्रकाश और पिता आनंद प्रकाश ने न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। स्वराज इंडिया की सदस्य शालिनी मालवीय ने कहा कि यह विडंबना है कि गंभीर प्रकरण में दोषी ठहराए जा चुके पूर्व डीजीपी को इतना महत्व दिया जा रहा है। इससे पता चलता है कि हरियाणा सरकार महिला सुरक्षा के प्रति क्या सोच रखती है।