राजस्व अधिकारियों पर निर्भर शासन की छवि

इंदौर। मुुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने मंगलवार को इंदौर में राजस्व प्रकरणों के निराकरण की संभागस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि इंदौर संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में बेहतर कार्य किया जा रहा है। अगस्त में हुई पिछली बैठक की तुलना में संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण की दिशा में अपेक्षित सुधार हुआ है। यह सुधार निरंतर दिखाई देना चाहिए। बैठक में बताया गया कि इंदौर संभाग में इस वर्ष अब तक 80 करोड़ 71 लाख रुपए से अधिक के बकाया राजस्व वसूली की गई है। 
बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व हरिरंजनराव, प्रमुख राजस्व आयुक्त मनीष रस्तोगी, संभागायुक्त संजय दुबे, आयुक्त भू-अभिलेख एल. सेलवेन्द्रम सहित संभाग के जिलों के कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीओ राजस्व, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री सिंह ने राजस्व की बकाया वसूली तथा जिलों में चल रहे नवाचारों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में राजस्व संबंधी अच्छे कार्य हो रहे हैं। मॉनीटरिंग का सिस्टम विकसित हुआ है। यह अच्छे संकेत हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने बेहतर काम को निरंतर जारी रखें। कार्यों में अपेक्षित सुधार दिखाई दे रहा है। राजस्व अधिकारियों के कार्यों पर शासन-प्रशासन की छवि निर्भर है। राजस्व अधिकारियों को मौका दिया गया तो उन्होंने अच्छे परिणाम दिये। श्री सिंह ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की नियमित समीक्षा की जायेगी। कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। संभागस्तरीय समीक्षा बैठक का सिलसिला जारी रखा जायेगा। आगामी बैठकों में एसडीएम स्तर तक के अधिकारियों को ही बुलाया जाएगा तहसीलदार और नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को नहीं बुलाया जायेगा। इनके कार्यों की समीक्षा संबंधित एसडीओ राजस्व से की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि गत बैठक की तुलना में राजस्व प्रकरणों के निराकरण अपेक्षित सुधार हुआ है। राजस्व अधिकारियों ने बेहतर कार्य किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालय में निर्णय पारित होने पर तुरन्त ही रिकार्ड दुरूस्त किया जाये। राजस्व प्रकरणों का गुणदोष के आधार पर निराकरण किया जाये। रिकार्ड रूम को साफ-सुरक्षित एवं व्यवस्थित रखें। यह प्रयास करें कि राजस्व रिकार्ड तुरंत मिल जाये। राजस्व प्रकरण की कोई भी फाइल गुम नहीं होने पाये, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये। 
बैठक में संभागायुक्त संजय दुबे ने संभाग में किये गये कार्यों की जिलेवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संभाग में सीमांकन के शत-प्रतिशत प्रकरणों में टीसीएम से सीमांकन किया जा रहा है।  संभाग में राजस्व की 80 करोड़ 71 लाख रुपए से अधिक की बकाया राशि वसूल की गई है। उन्होंने संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये किये जा रहे नवाचारों के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संभाग में मॉनीटरिंग सिस्टम की विशेष व्यवस्था की गई है। जिसके तहत अधीनस्थ न्यायालयों के निरीक्षण के लिये अलग-अलग दल बनाये गये हैं। कलेक्टर तथा इन दलों द्वारा 296 अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण किया गया। सीमांकन के सर्वेक्षण के लिये हेल्पडेस्क बनाई गई। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। संभाग में आवासीय पट्टों तथा भू-अधिकार पत्र वितरण के क्षेत्र में भी विशेष कार्य किया जा रहा है। संभाग में कुल 3 लाख 21 हजार 320 हितग्राहियों को आवासीय पट्टे, भू-अधिकार पत्र आदि देकर लाभान्वित करने का लक्ष्य है। 
9 हजार 235 पटवारियों के पदों पर की जायेगी शीघ्र भर्ती 
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में शीघ्र ही 9 हजार 235 पटवारियों के रिक्त पद शीघ्र भरे जाएंगे। इन पदों पर भर्ती के लिये प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पटवारियों को गहन प्रशिक्षण देकर जिलों में पदस्थ किया जायेगा। चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति आदेश संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी द्वारा जारी किये जायेंगे। इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया अगले एक माह में पूरी हो जायेगी। 
भू-राजस्व संहिता तथा अन्य राजस्व कानून और 
नियमों में होंगे आवश्यक बदलाव
बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री हरिरंजन राव ने बताया कि भू-राजस्व संहिता तथा अन्य राजस्व कानून और नियमों में आवश्यक बदलाव किये जाएंगे। इसके लिये प्रारूप बनाने का कार्य चल रहा है। राजस्व विभाग का सुदृढ़ीकरण भी किया जायेगा। आवश्यकता के अनुसार नई तहसीलें भी गठित की जायेंगी। 
100 करोड़ वसूल करने वाला 
इंदौर होगा प्रदेश का पहला जिला
इंदौर कलेक्टर निशांत वरवड़े ने बताया कि जिले में डायवर्शन सहित अन्य राजस्व बकाया वसूली के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं। जिले में विभिन्न राजस्व मदों में अब तक 62 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक की वसूली की जा चुकी है। धारा-60 के अन्तर्गत लगभग 30 करोड़ रुपए की माँग कायम की गई है। जिले में इसे मिलाकर कुल 100 करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य है। मार्च तक यह राशि शत-प्रतिशत वसूली की जायेगी। जिले में 100 करोड़ रुपए की राशि वसूल होते ही इंदौर 100 करोड़ रुपए के राजस्व वसूली करने वाला प्रदेश का पहला जिला हो जायेगा। 
बैठक में संभाग के जिलों के कलेक्टरों तथा अन्य राजस्व अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किये जा रहे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में आ रहे चुनौतियों तथा दिक्कतों की भी जानकारी दी।