भूमिपूजन ही आठ माह से अटका पड़ा है

इंदौर। भाजपा नेताओं द्वारा बार-बार यह कहा जाता है कि उद्घाटन और भूमिपूजन के नाम पर हम कोई कार्य नहीं रोकते हैं लेकिन उज्जैन-फतेहाबाद और इंदौर-देवास-उज्जैन रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य केवल इसलिए शुरू नहीं हो पा रहा है क्योंकि भूमिपूजन आपसी खींचतान में फंसा हुआ है। 
एक नहीं बल्कि दो-दो बार इसका भूमिपूजन टल चुका है। 
हाल ही में उज्जैन के सांसद चिंतामणि मालवीय ने तो भूमिपूजन के लिए आमंत्रण पत्र तक छपवा लिए थे और लोगों को पहुंचा भी दिए थे लेकिन ऐेन वक्त पर कार्यक्रम स्थगित हो गया। आमंत्रण पत्र वितरण के दौरान ही इंदौर में यह चर्चा शुरू हो गई थी कि कार्यक्रम नहीं होगा क्योंकि उज्जैन के सांसद मालवीय ने इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन से इस बारे में चर्चा नहीं की है और तब तक रेल मंत्री पीयूष गोयल भी नहीं आने वाले। रेल मंत्री तो ताई के कहने पर ही आएंगे। पहले तो लगा कि यह चर्चा केवल शिगूफा है लेकिन अंतत: वही हुआ। कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा और रतलाम रेल मंडल ने यहां तक कह दिया कि रेल मंत्री के आगमन का कोई कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। इसके बाद उज्जैन के सांसद ने सफाई देते हुए कहा कि व्यस्तता के कारण रेल मंत्री गोयल और इंदौर की सांसद व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समय नहीं दे पा रही हैं। 
भूमिपूजन में 8 माह का विलंब हो चुका है और अब यह कब होगा यह किसी को पता नहीं है। इसके पहले  जून-2017 में भूमिपूजन की तैयारियां की गई थीं लेकिन इसी बीच मंदसौर में किसानों पर फायरिंग के बाद भड़के आंदोलन के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। अब उज्जैन के सांसद कह रहे हैं कि जल्द ही भूमिपूजन की नई तारीख घोषित की जाएगी।