तीन बार हार चुके नेता स्वयं हट जाएं

इंदौर। कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में नियम-कायदों पर ज्यादा ध्यान दे रही है। यदि वाकई इन नियमों का पालन किया गया तो कई नेता टिकट की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। कांग्रेस महासचिव तथा मप्र प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा है कि 60 साल से अधिक उम्र के नेता टिकट न मांगें। तीन बार हार चुके नेता भी चुनाव मैदान से हट जाएं और युवाओं को आगे आने का मौका दें।
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने इंदौर के दो दिनी दौरे के दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधी बात की और उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य करने की नसीहत भी दी। मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की लंबी क्लास ली। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता करने वालों की अब कोई जगह नहीं रहेगी। अनुशासनहीनता करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बड़ा नेता हो अथवा छोटे से छोटा कार्यकर्ता सभी को अनुशासन के दायरे में रह कर ही कार्य करना होगा। कांग्रेस पार्टी हमारे लिए मां के समान है। पार्टी से गद्दारी करने वालों और पीठ पीछे भाजपा से हाथ मिलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। 
विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांगने वालों से 50 हजार रुपए की राशि डिमांड ड्राफ्ट से लेने के संबंध में प्रदेश प्रभारी ने कहा कि इससे पार्टी फंड की स्थिति में सुधार होगा। साथ ही फर्जी लोग टिकट के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। जो लोग चुनाव को लेकर गंभीर हैं वे ही आवेदन करेंगे। सामान्य वर्ग के लिए 50 हजार तथा अजा-जजा वर्ग के लिए 25 हजार रुपए की राशि तय की गई है। यदि पार्टी को लगता है कि कोई उम्मीदवार चुनाव लड़ने और जीतने योग्य है लेकिन उसके पास टिकट के लिए आवेदन करने हेतु राशि नहीं है तो पार्टी उसका खर्च उठाएगी। पार्टी की नीतियों की जानकारी देते हुए बावरिया ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं से अनुरोध है कि वे टिकट न मांगें। ऐसे नेता जो अब तक पांच-छ: चुनाव लड़ चुके हैं और तीन चुनाव हार चुके हैं वे भी टिकट न मांगें और चुनाव मैदान से स्वयं हट कर युवाओं को आगे आने का मौका दें। पार्टी ने तय किया है कि योग्य और लोकप्रिय लोगों को ही टिकट दिया जाएगा। उम्मीदवार तय करने के पहले आवेदकों की योग्यता और लोकप्रियता की जानकारी प्राप्त करने के लिए पार्टी द्वारा अलग-अलग तरीके से सर्वे कराया जाएगा। सर्वे रिजल्ट के आधार पर ही उम्मीदवार का नाम तय होगा। जो जिस क्षेत्र में सक्रिय है उसे उसी क्षेत्र से टिकट मिलेगा। किसी भी क्षेत्र में बाहर के नेता को टिकट नहीं दिया जाएगा। बावरिया ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सीख देते हुए यह भी कहा कि मंच पर बैठने और फोटो खिंचवाने से कोई बड़ा नेता नहीं बन जाता। इसके लिए लोगों के बीच निरंतर सक्रिय रहते हुए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।