विधायकों के सवाल पूछने के अधिकार में कटौती

भोपाल। विधानसभा में विधायकों के सवाल पूछने के अधिकारों में कटौती करने के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव का नोटिफिकेशन भी तुरंत जारी कर दिया गया है। इस पर कांग्रेस की आपत्ति आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने दोबारा संशोधन का आश्वासन दिया है।
संशोधित नियम के अनुसार अब सत्तापक्ष (सरकार) भी सदन में विश्वास प्रस्ताव ला सकेगा। विपक्ष यदि अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो प्राथमिकता सत्तापक्ष द्वारा लाए जाने वाले विश्वास प्रस्ताव को दी जाएगी। बाद में अविश्वास प्रस्ताव पर विचार होगा। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह व कांग्रेस पार्टी ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा है कि इस स्थिति में विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का विपक्ष का अधिकार ही समाप्त हो जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि विधायकों को मिले अधिकार नए नियमों से समाप्त हो गए हैं।
नियमों में किए गए परिवर्तन के तहत सत्तापक्ष को सदन में विश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार पहली बार दिया गया है। विश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में पहले चर्चा होगी। विश्वास प्रस्ताव पर पहले चर्चा कर सरकार सदन में विश्वास हासिल कर लेती है तो अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा तक नहीं हो पाएगी। नए नियम में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में विघटनकारी, अलगाववादी संगठनों की गतिविधियों के संबंध में समय-समय पर प्रश्नों के माध्यम से ऐसी जानकारियां मांगी जाती हैं जिसका उद्देश्य प्रदेश हित में नहीं होता है, अब सरकार ऐसे प्रश्नों के जवाब नहीं देगी। अति विशिष्ट व्यक्तियों, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की सुरक्षा पर हुए खर्च संबंधी प्रश्न विधायक नहीं पूछ सकेंगे। यह भी नहीं पूछ सकेंगे कि उनकी सुरक्षा में कितने व्यक्ति तैनात हैं। विधानसभा की समितियों के गोपनीय प्रतिवेदन जिन पर कार्रवाई चल रही है, जब तक उन्हें विधानसभा के पटल पर नहीं रखा जाता तब तक उनके बारे में विधायक जानकारी हासिल नहीं कर सकेंगे। किसी प्रतिवेदन का परीक्षण भी हो रहा है तो इससे संबंधित प्रश्न भी नहीं पूछा जा सकेगा।