शहाबुद्दीन की याचिका खारिज, उम्र कैद बरकरार

नई दिल्ली। सीवान (बिहार) के बहुचर्चित तेजाब कांड में पटना हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी शहाबुद्दीन व उसके तीन साथियों की सजा को बरकरार रखा है। शहाबुद्दीन और उसके तीन सहयोगियों को उम्रकैद की सजा भुगतनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजग गोगोई के साथ जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ की पीठ ने कुछ ही मिनटों में इस मामले पर शहाबुद्दीन की याचिका खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2004 में शहाबुद्दीन और उसके साथियों ने सीवान के प्रतापपुर गांव में चंदा बाबू के दो बेटों सतीश और गिरीश रोशन पर भारी मात्रा में तेजाब उड़ैला था। दोनों को तेजाब से नहला दिया था। तेजाब की इतनी अधिक मात्रा के कारण दोनों युवकों ने वहीं दोनों ने दम तोड़ दिया था। दोनों भाईयों का कसूर केवल इतना था कि उन्होंने शहाबुद्दीन के गुंडों को रंगदारी देने से इंकार कर दिया था। अपने दो बेटों को एक साथ गंवाने वाले चंदा बाबू ने सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद कहा कि हमारे दोनों बच्चे सीवान की आजादी के लिये शहीद हुए थे और अब ऐसा लग रहा है कि मेरा सीवान सच में आजाद हो गया है।