दरोगा ने की वसूली, एसपी निलंबित

लखनऊ। चुनाव आयोग की अनुमति के बाद बाराबंकी के एसपी डॉ. सतीश कुमार को डीजीपी ने निल्ांबित कर दिया है। मामला 65 लाख रुपए की वसूली से संबंधित बताया गया है। इस मामले में दरोगा को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है तथा एक सिपाही की तलाश जारी है।
यह प्रकरण बाराबंकी स्थित विश्वास ट्रेडिंग कम्पनी का है। आरोप है कि कम्पनी प्रबंधन से पुलिस ने 65 लाख रुपए की वसूली की थी। शिकायत मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रकरण की जांच के बाद उक्त कार्रवाई की गई है। डीजीपी ओपी सिंह ने पूरे प्रकरण में लापरवाह बने रहने के आरोप में बाराबंकी के एसपी डॉ. सतीश कुमार को निलंबित करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी। आयोग की अनुमति मिलते ही एसपी को निलंबित कर दिया गया। नए एसपी की नियुक्ति के लिए तीन नामों का पैनल चुनाव आयोग को भेज दिया गया है। वसूली के आरोप में दरोगा अनूप यादव को जेल भेजा जा चुका है जबकि उसके साथ वसूली में शामिल रहे एक सिपाही की तलाश की जा रही है।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार शिकायत मिली थी कि बाराबंकी साइबर क्राइम सेल के प्रभारी अनूप यादव ने विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के प्रबंधन से 65 लाख रुपए वसूले थे। लखनऊ पुलिस ने जांच में निलंबित दरोगा अनूप को दोषी पाते हुए सोमवार को जेल भेज दिया। जांच में यह तथ्य सामने आया था कि विभागीय जांच शुरू होते ही अनूप ने दो किश्तों में 65 लाख रुपए की रकम उक्त कंपनी के प्रबंधन को लौटा दी थी। रकम वापसी के दौरान अनूप ने गवाहों की मौजूदगी में उनसे रसीदों पर हस्ताक्षर लिए थे। जांच में बाराबंकी साइबर सेल में तैनात सिपाही अंकित की भूमिका भी उजागर हुई थी। जांच में दरोगा अनूप यादव और सिपाही की भूमिका के अलावा एसपी डॉ. सतीश कुमार की भूमिका पर भी सवाल उठे। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है कि जांच में एसपी का सुपरविजन कमजोर पाया गया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी लापरवाही को कम नहीं आंका जा सकता है। इस आधार पर ही उनके निलंबन की अनुशंसा की गई।