इनकम टैक्स कानून में 7 बदलाव

नई दिल्ली। इनकम टैक्स में 7 बदलाव 1 सितंबर से लागू होंगे। टैक्स में बदलाव वैसे तो 1 अप्रैल से लागू होते हैं लेकिन इस बार आम बजट जुलाई में पेश किया गया इसलिए बदलाव भी देरी से लागू किए जा रहे हैं। 

1. बैंक खाते से धनराशि निकालने पर लगेगा टीडीएस-
नए नियमों के तहत अब एक साल के दौरान शासकीय बैंक, कोआॅपरेटिव बैंक या पोस्ट आॅफिस में अपने खाते से 1 करोड़ रुपए या इससे ज्यादा राशि निकालने पर टीडीएस देना होगा।
2. बैंकों को छोटे ट्रांजेक्शन की भी जानकारी देनी होगी-
अब तक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा की राशि के ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी पड़ती थी लेकिन अब सरकार ने यह सीमा घटा दी है। अब 1 सितंबर से 50 हजार से कम राशि के ट्रांजेक्शन की जानकारी भी बैंकों को इनकम टैक्स विभाग को देनी पड़ेगी।
3. प्रॉपर्टी खरीदने पर अतिरिक्त सुविधाओं के भुगतान पर टीडीएस-
एक सितंबर या इसके बाद यदि आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो टीडीएस काटने की जिम्मेदारी भी आपकी होगी। इस केल्कुुेशन में आपको क्लब मेंबरशिप फीस, बिजली का शुल्क, वाटर सप्लाय बिल, कार पार्किंग फीस और इसी तरह की अन्य सेवाओं के लिए किए जा रहे भुगतान को भी ध्यान रखना होगा।
4. पैन के बदले आधार का उपयोग-
नए नियम के तहत पैन के बदले आधार को कुछ निश्चित ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
5. आधार से लिंक नहीं होने पर अमान्य होगा पैन-
निर्धारित समय सीमा में यदि पैन को आधार से लिंक नहीं कराया गया तो यह अमान्य होने की बजाए इनआॅपरेटिव हो जाएगा अर्थात आप पैन का उपयोग ही नहीं कर सकेंगे।
6. एलआईसी की राशि पर टीडीएस-
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के मैच्योर होने पर मिली धनराशि यदि टैक्सेबल है तो कुल आय वाले हिस्से पर 5 प्रतिशत टीडीएस काटना होगा। कुल आय को केल्कुलेट करने के लिए भुगतान की गई प्रीमियम की कुल राशि को पॉलिसी से प्राप्त राशि में से घटना होगा।
7. कॉन्ट्रेक्टर और पेशेवरों का भुगतान पर टीडीएस-
एक सितंबर से कॉन्ट्रेक्टर और पेशेवरों को 50 लाख रुपए सालाना से ज्यादा भुगतान करने पर 5 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटना होगा। अर्थात घर की मरम्मत, विवाह समारोह के आयोजन अथवा अन्य किसी कार्य के लिए पेशवरों को यदि उक्त सीमा से ज्यादा राशि का भुगतान किया जाता है तो अब टैक्स काट कर राशि देनी होगी। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन 194-एन जोड़ा गया है।