शहरों में भाजपा गांवों में कांग्रेस

इंदौर। कांग्रेस ने जिस तरह से गुजरात के बाद सीधे रुप से मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों पर फोकस केंद्रित किया है उससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस इस बार प्रदेश में निर्णय प्रक्रिया तेज करने वाली है। अगर कांग्रेस ऐसा करने में सफल रही तब यह बात निश्चित है कि भाजपा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
कांग्रेस हाईकमान जिस प्रकार से एक के बाद एक निर्णय ले रहा है और यह निर्णय सोची समझी रणनीति के तहत लिए जा रहे हैं। खासबात यह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से लेकर नीचे तक के प्रवक्ता भी एक ही बात बोल रहे हैं और आगे आने वाले दिनों में इस प्रक्रिया में और भी सुधार आने की गुजांइश हैै। 
अपने कोर एरिया को पहचाना
कांग्रेस ने अपने कोर एरिया को पहचाना है। इसके पूर्व कांग्रेस के भीतर इस प्रकार की सोच ही विकसित नहीं हो पा रही थी और गुटबाजी के कारण प्रत्येक बड़ा नेता अपने अपने क्षेत्र पर ही ध्यान दे पाता था। अब कांग्रेस के अनुसार धार झाबुआ के क्षेत्र में उसकी पकड़ अच्छी है और वहां पर नेटवर्क भी कांग्रेस का अच्छा है जिसके कारण यहां से कांग्रेस को उम्मीदें काफी ज्यादा है। धार में बालमुकुंद गौतम और नीना वर्मा के बीच हर समय कांटे की टक्कर ही रहती है और जहां तक झाबुआ का प्रश्न है यहां पर भूरिया फैक्टर हर समय काम करता है।
कांग्रेस का लक्ष्य गांवों की ओर
कांग्रेस यह जानती है कि शहरी क्षेत्रों में भाजपा का संगठन बेहद मजबूत है और कांग्रेस अभी से भी प्रयत्न करे तब उतना असर नहीं डाल पाएगी। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के बीच भाजपा की छवि पहले जैसी नहीं रही। किसान आंदोलन के बाद के जो भी घटनाक्रम हुए हैं उससे किसान आहत हैं। कांग्रेस के ऐसे नेता जो किसानों के बीच अपनी पकड़ रखते हैं वे अभी से सक्रिय होना आरंभ हो चुके हैं और चुनावों के पहले किसान आंदोलन को फिर से जीवित करने का प्रयत्न जरुर करेंगे।
जल्दी टिकट देने की घोषणा भी ठीक
कांग्रेस अगर जल्दी टिकटों का वितरण करती है तब कांग्रेस के प्रत्याशी को अपने तरीके से जमावट करने के लिए काफी समय मिल जाएगा। अगर कांग्रेस ने अपनी चिर परिचित शैली से हटकर काम किया और जल्दी टिकटों का वितरण कर दिया तब यह बात निश्चित है कि भाजपा की मुश्किल बढ़ जाएगी।