अमेरिका में नेट न्यूट्रैलिटी को खत्म करने के प्रस्ताव का विरोध


अमेरिका की पूर्ववर्ती बराक ओबामा सरकार की ओर से लागू की गई नेट न्यूट्रैलिटी (इंटरनेट तटस्थता) को खत्म करने का प्रस्ताव रखने के बाद से ही फेडरल कम्यूनिकेशंस कमीशन (एफसीसी) के अध्यक्ष अजित पाई का चौतरफा विरोध हो रहा है। देश के भारतीय-अमेरिकी सांसद इसे लेकर पाई का विरोध कर रहे हैं तो वहीं नेट न्यूट्रैलिटी के समर्थक कार्यकर्ता वर्जीनिया में पाई के आवास के बाहर कड़ा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पाई ने देश में लागू नेट न्यूट्रैलिटी कानून को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है। यदि यह लागू हो जाता है तो ग्राहकों तक कौन सी वेबसाइट किस गति से पहुंचे यह तय करने का अधिकार बड़ी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों कॉमकास्ट और वेरीजोन के पास आ जाएगा।

अभी तक कंपनियों को ऐसा करने की अनुमति नहीं है। इस विवादित प्रस्ताव के बाद 44 वर्षीय पाई और सिलिकॉन वैली से पहली बार सांसद चुने गये रो खन्ना में वाक युद्ध शुरू हो गया है। खन्ना ने ट्वीट किया है, हमें और मजबूत नेट न्यूट्रैलिटी कानूनों की जरूरत है जो इन कानूनों को कमजोर करने के स्थान पर जीरो रेटिंग के ज्यादातर पहलुओं को खत्म करे । उन्होंने कहा कि पाई इस प्रस्ताव के माध्यम से बड़े कॉरपोरेशंस को मीडिया पर और ज्यादा नियंत्रण दे रहे हैं और सिनक्लेयर-ट्रिब्यून जैसे बड़े विलय का रास्ता खोल रहे हैं। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पाई ने कहा कि खन्ना उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।